मध्यप्रदेश में अब गरीबों को लगेगा झटका, साइकिल, बैलगाड़ी और पशु चराने पर देना होगा टैक्स

मध्यप्रदेश के शिवराज सरकार के द्वारा अब पंचायतों की आमदनी बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। जानकारी मिली है कि अब ग्राम सभाओं को टैक्स का विकल्प चुनने की हिदायत दी जा रही है। जिससे पंचायत है वह अपने क्षेत्र में रहने वाले लोगों से प्रोफेशनल टैक्स की वसूली करेगी। ध्यान रखना होगा यदि कोई व्यक्ति पहले की टैक्स दे रहा है तो पूरे साल भर में वसूला जाने वाला कोई टैक्स 2500 रुपए से अधिक होना चाहिए।

google news

जानिए किस से कितना वसूला जाएगा टैक्स

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अब पंचायत की तरफ से बड़ा झटका लगने जा रहा है। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से वेट कर के लिए जो प्रावधान ग्रामसभा निवारी कर नियम 2001 में करने के लिए कहा गया है ।उसके अनुसार 15000 तक की वार्षिक आय वालों से 100 रुपए, 2000 आय वालों से 300 रुपए, 30000 की आय वालों से 400 रुपए और 40000 की आय वालों से 600 रुपए, 50000 की आय वालों से 900 रुपए और उससे अधिक आय वालों से 650 से 1400 रुपए तक का वृत्ति कर वसूला जाएगा।

सरकार की तरफ से ग्राम पंचायतों में लिए जाने वाले इस फैसले से गरीबों पर काफी अधिक बोझ बढ़ेगा बेल गाड़ी और साइकिल के दाम भी बढ़ जाएंगे पीएम आवास में रह रहे लोगों को ₹500 का अधिक भार देना पड़ेगा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पंचायत अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए स्वयं की आय तैयार करने स्वर निधि से श्रीमती अभियान प्रारंभ किया है इसके लिए जो कर की व्यवस्था तैयार की गई है वहां गांव में जीवन की व्यवस्था पर न केवल प्रभाव डालेगी बल्कि ग्रामीण जीविकोपार्जन के कारोबार भी महंगे हो जाएंगे

बैलगाड़ी, साइकिलें होगी महंगी

ऐसे में माना जा रहा है कि गांव में बैलगाड़ी किराए पर देने वाले से भी करवा सुनने की व्यवस्था की जा रही है। एक के दायरे में आने से गरीबों का किराए पर साइकिल लेना भी महंगा पड़ जाएगा। दोनों पर 10 रुपए सालाना कर लगाने की मंशा है। इसका सबसे बड़ा खामियाजा प्रधानमंत्री आवास में रह रहे गरीबों को भुगतना पड़ेगा। प्रधानमंत्री आवास भी कर के दायरे में आ जाएंगे। पूंजी मूल्य के अनुसार इनके मालिकों को 500 रुपए सालाना टैक्स जमा करना पड़ेगा।

google news

ग्राम सभा अनिवार्य कर नियम 2001 के तहत संपत्ति कर की जो दर से की गई है उसके अनुसार जिस संपत्ति का पूंजी मूल्य 6 हजार से 12000 के बीच है उसे न्यूनतम 100 रुपए संपत्ति कर देना अनिवार्य है। इसके अलावा 12000 से अधिक पूंजी के मूल्य भवनों पर न्यूनतम 500 रुपए संपत्ति कर देना होगा। ग्रामीण क्षेत्र में बने प्रधानमंत्री आवास 12000 से अधिक पूंजी मूल्य के दायरे में आ रहे हैं। लिहाजा इन पर भी 500 रुपए सालाना टैक्स लगाया जाएगा। पंचायत राज्य से संबंधित कोई आदेश नहीं दिया है।