एयर इंडिया के बाद इन 2 कंपनियों को भी बेचने की हो चुकी तैयारी, मोदी सरकार ने निजीकरण की प्रक्रिया की शुरू

केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लगातार बैंकिंग सेक्टर के अलावा अन्य सेक्टरों को भी निजीकरण करने की प्रक्रिया में लगी है। पूर्व राष्ट्रीय विमान कंपनी एयर इंडिया की 2 सहायक कंपनी एसआईएएसएल और एआईईएसएल के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसको लेकर सरकार के विनिवेश लक्ष्य के तहत किया जा रहा है। एक सरकारी अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी को जानकारी देते हुए बताया कि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंध विभाग में निजीकरण के लिए निवेशक ओके साथ बैठक और रोड शो शुरू कर दिए हैं।

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सरकार के पास बची है अब ये 4 कंपनियां

अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जल्दी ही इच्छुक बोली दाताओं से सीओआई आमंत्रित करेंगे। एयर इंडिया को टाटा समूह को बेचने के बाद सरकार के पास एयर इंडिया की 4 सहायक कंपनियां बची है। इसमें एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड, एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड ,होटल कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड और एलाइंस एयर एवियशन लिमिटेड शामिल है। टाटा के साथ हुई दिल में एयर इंडिया की नाम और और ऐसे टच पेंटिंग व कलाकृतियां और नॉन ऑफ रेशनल संपत्तियां शामिल नहीं की गई।

टाटा समूह ने इस कंपनी को खरीदा

बता दें कि इन सहायक कंपनियों की नॉन कोर एसेट्स की कुल वेल्यू करीब 15000 करोड रुपए हैं ।जिसे अब एयर इंडिया ऐसेट्स होल्डिंग लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया गया है। एयर इंडिया को टाटा समूह ने 18000 रुपए में 27 जनवरी 2022 को खरीद लिया था। एयर इंडिया के कुल कर्ज 61565 करोड़ रुपए में से 15300 करोड रुपए टाटा समूह को ट्रांसफर कर दिए गए थे। बाकी कुछ 70 प्रतिशत करीब 46000 करोड़ रूपए एआईएसएल को ट्रांसफर किए गए थे।

केंद्र की मोदी सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए भी 65000 करोड़ रुपए का निजीकरण करने का लक्ष्य रखा है ।निजीकरण के जरिए 25000 करो रुपए टूटा चुकी है इसमें एलआईसी आईपीओ के जरिए जुटाई गई रकम भी शामिल की गई ।हालांकि अब सरकार एयर इंडिया की इन सहायक कंपनियों को निजी करण हाथों में सौंप देगी। ऐसे में आम जनता को किराए का भार अधिक पड़ेगा।

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