इस महिला शिक्षका के जज्बे को सलाम, खास तकनीक से शुरू की अंजीर की खेती, अब हो रही बंपर कमाई

इस समय लोग कई तरह की तकनीक से खेती कर रहे हैं। वैज्ञानिक तरीके से खेती करने वाले लोग काफी सक्सेस भी हो रहे हैं। हमने हमारी स्टोरी में ऐसे कई सक्सेस युवाओं के बारे में बताया है। जिन्होंने तकनीकी तरीके से खेती कर उसे लाभ का धंधा बनाया है। एक बात यह भी है कि अगर सच्ची निष्ठा और मेहनत से किसी काम को किया जाए तो फिर पत्थर से पानी और मिट्टी से अनाज उगाही लिया जाता है। ऐसे में अब कई लोग ड्राई फ्रूट की खेती कर रहे हैं।

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बीते दिनों हमने इसी स्टोरी के माध्यम से काजू की खेती कर पूरे गांव के लोगों को रोजगार देने के साथ ही उनकी गरीबी खत्म कर दी थी। ऐसे में अब हम इस स्टोरी के माध्यम से एक ऐसी महिला के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने कम लागत से अंजीर की खेती शुरू की है और अब उनकी बंपर कमाई हो रही है।

2018 में मीरा ने की खेती की शुरूआत

इस समय कई युवा पढ़ लिखकर या तो नौकरी कर रहे हैं या खेती को लाभ का धंधा बना रहे है। ऐसे में अब दौसा जिले के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत खानवास की ढाणी गांव की मीरा मीणा ने अंजीर की खेती शुरू की। उन्होंने इस खेती को 2018 से मात्र 50 पौधे लगाकर की थी ।हालांकि वहां मूल रूप से एक टीचर हैं और अब वहां अंजीर की खेती से अच्छा खासा मुनाफा कमा रही है। मीडिया को जानकारी देते हुए मीरा ने बताया इन हाइब्रिड पौधों का मूल्य करीब 500000 था अंजीर के बीच को ऑनलाइन ऑर्डर किया एक वृक्ष से करीब 15 किलो अंजीर का उत्पादन होता है।

अंजीर से प्रति किलो पर कमाए 1200 रुपये

उनका कहना है कि कम लागत से अधिक मुनाफा अंजीर की खेती से कमा सकते हैं। एक शिक्षिका और घर के फर्ज को निभाते हुए एक-एक घंटे खेती की और अंजीर के अध्यक्ष से करीब 8 महीने में फल शुरू हो गए ।इसके बाद उन्होंने इसे जब बाजार में बेचा तो प्रति किलो पर 1200 रुपए मिले। ऐसे में मीरा ने जिस कंपनी से बीज खरीदा था वही कंपनी और मेरा से फल खरीद रही है। बता दें कि अजीत स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है इसमें विटामिन ए, बी और सी के साथ ही फाइबर कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है ।इसके अलावा अंजीर कई रोगों से छुटकारा भी दिलाता है।

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1 वृक्ष से निकाल सकते है 20 किलो फल

अंजीर की खेती करने के लिए दोमट मिट्टी का उपयोग किया जाता है। अगर दोमट मिट्टी में अंजीर की खेती की जाए तो काफी पैदावार होने के साथ ही लाभ भी अधिक मिलता है ।इसके साथ ही इसके फलों को तोड़ने में काफी सावधानी रखना पड़ती है ।सर्दी में 15 से 20 दिन में एक बार सिंचाई करने की जरूरत होती है। बारिश के मौसम में सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती है। खरपतवार को हमेशा अपने नियंत्रण में रखने के लिए समय-समय पर खरपतवार को काटना जरूरी होता है। पौधे से निकलने वाला रस आपकी त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है। अंजीर के वृक्ष से करीब 20 किलो तक का फल उत्पादन हो सकता है।