मध्यप्रदेश में नहीं चलेगी स्कूल प्रबंधक की मनमानी, अब स्कूल की रहेगी घर तक बच्चों को सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी, आदेश जारी

मध्यप्रदेश में बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिवराज सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है। आए दिन स्कूल बस ड्राइवरों की मनमानी के चलते बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। बीते दिनों जहां बारिश में नाला उफान के दौरान बस ड्राइवर ने 50 बच्चों से भरी बस नाले में उतार दी। ऐसे में इन बच्चों की जिंदगी दांव पर लगा दी थी। अब सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठा लिया है।

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घर पहुंचने तक स्कूल प्रबंधक रखेंगे जिम्मेदारी

दरअसल प्राइवेट स्कूलों के संचालक स्कूल परिसर के बाहर बच्चों की जिम्मेदारी लेने से मना नहीं कर सकेंगे। खासतौर पर स्कूल बस, स्कूल वैन में बैठकर जाने वाले बच्चों की जिम्मेदारी के लिए स्कूल प्रबंधक को निर्देश दे दिया। वहां घर पहुंचने तक के सभी इंतजाम पर निगरानी रखेंगे। मध्यप्रदेश में आए दिन बस ड्राइवरों की मनमानी के चलते कई तरह के लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर अब शिवराज सरकार ने सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। प्राइवेट स्कूलों के संचालक स्कूल परिसर के बाहर बच्चों की जिम्मेदारी लेने से मना कर रहे थे, लेकिन अब सरकार के दिए निर्देश के बाद स्कूल प्रबंधक को बच्चों को घर तक पहुंचने तक की निगरानी रखना पड़ेगी। रास्ते में असुविधा या दुर्घटना हुई तो सीधे तौर पर स्कूल प्रबंधक को दोषी माना जाएगा।

45 स्कूल वाहन मालिकों पर प्रकरण दर्ज

वहीं गाइडलाइन का पालन नहीं करवाने की जिम्मेदारी भी प्रबंधक की रहेगी। ट्रैफिक पुलिस ने इस मामले चिन्हित कर लिए हैं जिसके बाद लापरवाही पर छप्पन लाख जुर्माना के नोटिस जारी कर रिकवरी की है। ट्रैफिक पुलिस ने अभी तक 45 स्कूल वाहन मालिकों पर प्रकरण दर्ज किया है जिन पर 2.5600000 का जुर्माना वसूल चुके हैं।

जाने किस गाइडलाइन का करना होगा पालन

स्कूल कॉलेज बसों को पीले रंग से पेंट किया जाना जरूरी है। बसों के आगे और पीछे बड़े अक्षरों में स्कूल बस लिखा जाए। किराए की है तो आगे एवं पीछे विद्यालय सेवा लिखा जाए। बस में अनिवार्य रूप से फास्टट्रैक बॉक्स की व्यवस्था भी हो। इसके अलावा खिड़कियों में आधी पटिया फिट करवाई जाए। अग्निशमन यंत्र होना जरूरी है। स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर भी लिखा होना चाहिए। दरवाजे पर चटकानी होना जरूरी है ।बच्चों को लाते ले जाते समय एक स्कूल बस में एक शिक्षक की ड्यूटी लगाई जाए। सुरक्षा की दृष्टि से माता.पिता स्कूल शिक्षक को भी यात्रा कर सुरक्षा मापदंडों पर जाना चाहिए।

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वाहन चालक को भारी वाहन चलाने का 4 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। कोई ड्राइवर वर्ष में एक बार भी ओवर स्पीडिंग और नाचे का दोषी है तो ड्राइवर नहीं रखना चाहिए। स्कूल बस लोक परिवहन यंत्रों में स्पीड गवर्नर के जरूरी कर दी गई है। इसके अलावा बसों में दो कैमरा चालू हो एक कैमरा आगे और तथा एक कैमरा बस में पीछे की ओर होना आवश्यक है। इसके अलावा कई तरह के नियम बताए गए हैं इसका पालन करना बहुत ही आवश्यक है।