ये है देश की सबसे दानवीर हिंदु बहनें, पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए ईदगाह के लिए दान की 1.5 करोड़ की जमीन

देशभर में इस समय सांप्रदायिक तनाव की खबरें सामने आ रही है, लेकिन इस समय उत्तराखंड से एक अच्छी तस्वीर सामने आई है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। कहते हैं कि हिंदुस्तान में कई धर्मों के लोग भाई चारे के साथ रहते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो सांप्रदायिक माहौल बिगड़ते हैं। उत्तराखंड में दो हिंदू बहनों ने अपने पिता की आखिरी ख्वाहिश को पूरा करते हुए डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की कीमत की 4 बीघा जमीन ईद पर मुस्लिमों को ईदगाह के विस्तार के लिए दे दी है। अब उन महिलाओं के द्वारा दान की गई जमीन के बाद चोरों और चर्चा हो रही है।

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महिलाओं ने दान की 4 बीघा जमीन

भारत में कई दानवीर लोग बैठे हैं ,उन्हीं में से उत्तराखंड की दो हिंदू बहने हैं। जिन्होंने अपने पिता की आखिरी ख्वाहिश को पूरा करते हुए करीब डेढ़ करोड़ की कीमत की 4 बीघा जमीन मुस्लिमों को ईदगाह के विस्तार के लिए दे दी है। इनके द्वारा दान की गई जमीन ने मुस्लिमों का दिल छू लिया है और उन्होंने भी दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की है। दरअसल अलग-अलग देशों से आ रही सांप्रदायिक तनाव की खबरों के बीच यह तस्वीरें उन लोगों के मुंह पर तमाचा है।

2003 में बृजनंदन प्रसाद का हुआ था निधन

दरअसल यह मामला उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के छोटे से शहर काशीपुर का है, जहां 20 साल पहले बृजनंदन प्रसाद रस्तोगी ने अपने करीबियों को उनकी 4 बीघा जमीन को काशी में बने ईदगाह के विस्तार के लिए देने की बात कही थी। इस बात को उन्होंने अपने बच्चों को बताने की इच्छा जताई थी, लेकिन उससे पहले ही 2003 में उनका निधन हो गया था ।उनकी दो बेटियां सरोज और अनीता है। जैसे ही उनको इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने अपने भाई राकेश से सहमति लेकर संपर्क किया और वहां तुरंत राजी हो गए।

बहनों ने जब अपने भाई राकेश रस्तोगी से संपर्क किया तो उन्होंने कहा की पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करना हमारा दायित्व है। उनकी आत्मा की शांति के लिए अब हमने जमीन दान दी है। वहीं ईदगाह कमेटी के हसीन खान ने जानकारी में कहा यह दोनों बहने सांप्रदायिक एकता की जीती जागती मिसाल है। ईदगाह कमेटी इनके द्वारा दी गई जमीन पर आभार व्यक्त करती है।

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