MP में लापरवाही की भेंट चढ़ी महिला, पेट में था 4 माह का गर्भ, डॉक्टरों ने कर डाली नसबंदी, ऐसे हुआ खुलासा

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी उनकी मंशा पर पानी फेर रहे है। मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला अस्पताल से एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां एक गर्भवती महिला की नसबंदी करते महिला की जब तबीयत बिगड़ी तो उसे पता चला कि उसके पेट में 4 माह का गर्भ है। वहीं जब इस मामले में जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की गई तो उनका कहना था की अभी इस मामले की जांच की जा रही है। यानी कि उन्होंने लापरवाही के बाद भी कुछ भी कहने से पल्ला झाड़ लिया है।

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एक तरफ तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वास्थ्य सुविधाओं में कई तरह के सुधार करने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारी अपनी लापरवाही से मरीजों की जान से खिलवाड़ करने पर तुले है। राजगढ़ जिले में जिला अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से एक महिला की जान खतरे में आ गई। डॉक्टरों ने बिना कुछ सोचे समझे महिला की नसबंदी कर दी। जब महिला की जांच की गई तो पता चला कि महिला गर्भवती और जब महिला की सोनोग्राफी की गई तो हैरान करने वाली बात सामने आई दरअसल महिला के पेट में 4 माह का गर्भ था।

पेट में सूजन आने पर खुलासा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजगढ़ जिला अस्पताल में नसबंदी शिविर लगाया गया था। इस शिविर में महिला नसबंदी कराने के लिए पहुंची थी। इस दौरान डॉक्टरों ने उसकी प्रेगनेंसी जांच किए बिना ही नसबंदी कर दी थी। ऑपरेशन के बाद महिला अपने घर पहुंची तो महिला की तबीयत बिगड़ गई और उसके पेट पर सूजन आ गई ।आनन-फानन में परिजन महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे जब डॉक्टरों ने महिला की सोनोग्राफी की तो पता चला कि महिला के पेट में 4 माह का गर्भ है।

सीएमएचओ बोले-जांच का मामला

वहीं सब इस मामले को लेकर जिला अस्पताल के सीएमओ डॉ. दीपक से बात की गई तो उन्होंने कहा की नसबंदी करने से पहले महिलाओं की प्रेगनेंसी जांच की जाती है। इस मामले में महिला की जांच नहीं की गई है। मामले में जांच के बाद जो भी तथ्य सामने निकल कर आएंगे उसके हिसाब से जिम्मेदार डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी।

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बाहरहाल महिला 4 माह की गर्भवती थी और डॉक्टरों ने उसकी नसबंदी कर दी। अब सीएमएचओ ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है। देखना यह होगा कि इसमें उन जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाती या फिर बिना कार्रवाई के मामले को रफा दफा कर देंगे।