मध्यप्रदेश की वीरांगना जिसने कभी पटाखें नहीं फोड़े वो आज चला रही AK-47, पति की जगह लेकर खुद को बनाया काबिल
भारत में कई वीर जवान सैनिक अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर गए हैं। इस भूमि की रज के कण-कण में त्याग और बलिदानों की सुगंध खुली हुई है। इस देश में मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़के की नहीं बल्कि लड़कियां भी आगे आ गई और अपने साहस और हौंसले बुलंद कर देश की रक्षा में लगी है। इसी बीच ऐसी बहादुर बेटी के बारे में बात करने जा रहे हैं जिनके पति हर्षवर्धन सिंह सोलंकी शहादत के बाद देश के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को निभाने का साहसिक कदम उठाया था। वहां बेटी ऐसी थी जिसने कभी हाथों से फटाखें नहीं छोड़े थे, लेकिन आज एके-47 चलाती नजर आ रही है।
13 जनवरी 2019 को बदल गई पूजा की जिंदगी
दरअसल यह कहानी मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के कोतवाली थाने की है, जहां पीएसआई के पद पर पदस्थ पूजा सोलंकी उन महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी जो चार दीवारों में कैद होकर रह गई है। इन्होंने मुश्किल समय में भी हिम्मत नहीं हारी और अपने हौंसले हमेशा बुलंद रखा है। 13 जनवरी 2019 यह ऐसी तारीख थी जब वीरांगना पूजा सोलंकी का जीवन और जीने का उद्देश्य पूरी तरह से बदल चुका था। इनके पति हर्षवर्धन सिंह सोलंकी बालाघाट जिले के लांजी थाने में एसआई थे, लेकिन अचानक ट्रक की टक्कर से इनका निधन हो गया था। इसके बाद से इनकी जिंदगी पूरी तरह बिखर गई थी लेकिन इसके बावजूद इन्होंने अपनी गोद में डेढ़ साल के बेटे और साढ़े 3 साल की बेटी के साथ खुद को संभाला था।
13 महीनें की ट्रेनिंग कर खुद को बनाया काबिल
मध्य प्रदेश की इस बेटी की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई थी। इन्होंने काफी संघर्ष किया उनकी इस मुश्किल को देखकर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति के तहत उनके पति की जगह पर सब इंस्पेक्टर बना दिया। हमेशा वहां घूंघट में रहती थी, लेकिन एमबीए पास ग्रहणी जिसने कभी पुलिस की नौकरी तो दूर कभी सामान्य नौकरी का भी नहीं सोचा था इसके बाद प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी करने में होने 11 महीने लग गए। पूजा की दोनों ही डिलीवरी सिजेरियन और उन्होंने राजधानी भोपाल की भौंरी पुलिस अकादमी में 13 महीने तक ट्रेनिंग की और खुद को एक काबिल पुलिस ऑफिसर के तौर पर खड़ा कर लिया।
कभी नहीं चलाये फटाखें आज चलाई एके-47
वहीं दिसंबर 2022 में पूजा ने अपनी ट्रेनिंग पूरी की इसके बाद रूस्तमजी आम पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में ट्रेनिंग होगी। पूजा ने कहा मैंने कभी पटाखे भी नहीं पढ़े थे, लेकिन आज एके-47 समेत नौ हथियार चलाना जानती हूंं। इस मुश्किल समय में उनके ससुर और पापा ने हमेशा हौंसला बढ़ाया और जीवन में आए बदलाव के बावजूद पूजा आज भी अपने पति की तस्वीर को नमन करना और खाली समय मिलने पर अपने छोटे दोनों बच्चों को समय देना नहीं बोलती है।