Amarnath Yatra 2022: दिव्यांग सूर्य प्रताप का हौंसला देख थकान भूले श्रद्धालु, 13 सालों से बैसाखी के सहारे चढ़ रहे के दुर्गम पहाड़, देखें वीडियो

इस समय अमरनाथ यात्रा जाने का सिलसिला जारी है। मध्य प्रदेश समेत देश भर से कई श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं। 2 दिन पहले अमरनाथ में भारी बारिश के बाद बादल फट गए थे जिससे मची तबाही के बाद भी लोगों में आस्था कम नहीं हुई है और बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हजारों लोग जा रहे हैं। ऐसे में हम आपको दिल्ली के रहने वाले सूर्य प्रताप सिंह के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर साल अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं। बताया जाता है कि जन्म से दिव्यांग सूर्य प्रताप 13 सालों से लगातार बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं।

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13 सालों से अमरनाथ यात्रा कर रहे देवेंद्र

कई श्रद्धालुओं की आस्था बाबा बर्फानी में होती है। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं। इस वर्ष भी देशभर के सभी प्रदेशों से अमरनाथ यात्रा पर श्रद्धालु जा रहे हैं। ऐसे में अब राजधानी दिल्ली के रहने वाले सूर्य प्रताप सिंह जो कि 13 वर्षों से लगातार अमरनाथ यात्रा कर रहे हैं। अमरनाथ यात्रा में पहलगाम मार्ग से पिस्सू टॉप और महागणेश टाप की चढ़ाई सबसे कठिन मानी जाती है। यहां पर ऑक्सीजन की कमी और दुर्गम पहाड़ों के आगे कई श्रद्धालु नतमस्तक हो जाते हैं, लेकिन इसी मार्ग से दिव्यांग सूर्य प्रताप सिंह बैसाखियों के सहारे यात्रा कर रहे हैं। कई बार यात्री थक हार कर रास्ते में बैठ जाते हैं। ऐसे में सूर्य प्रताप सिंह उन्हें हौंसला देते हैं और उनके हौंसले के बाद यात्री अपनी यात्रा पर पहुंचने के बाद ही रुकते हैं।

बैसाखियों के सहारें दुर्गम पहाड़ों को चढ़ते है देवेंद्र

दरअसल अमरनाथ में जो टॉप चंदनबाड़ी से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर है और यहां पर पहुंचने में सीधे पहाड़ों को चढ़ना पड़ता है, लेकिन जन्म से दिव्यांग सूर्य प्रताप सिंह के हौंसले काफी बुलंद है ।13 सालों से बैसाखियों के सहारे इस चढ़ाई को चढ़ते हैं ।इसकी दूरी करीब 3 किलोमीटर की होती है जिसे देखकर कई श्रद्धालुओं की सांसे फूल जाती है। कई घोड़े पालकी का सहारा लेते हैं, लेकिन दिल्ली के रहने वाले प्रताप सिंह का हौंसला काफी बुलंद है। इस मार्ग से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए लगातार 13 वर्षों से जा रहे हैं। उनका कहना है बाबा के दर्शनों की चाहत उनके अंदर जोश को भर देती है और वहां आकर्षित होकर इन पहाड़ों पर चलना शुरू कर देते हैं।

जब तक आयेगा बुलावा आते रहेंगे-देवेंद्र

जब उन्होंने पहली बार अमरनाथ यात्रा पर निकलने का मन बनाया तो उनके स्वजनों ने उन्हें मना किया, लेकिन वहां नहीं माने और उनके मन में बाबा बर्फानी के दर्शन की ललक थी। ऐसे में घर से जम्मू और फिर पहलगाम होते हुए यात्रा के लिए रवाना हो गए। पिस्सू टॉप और महागणेश टाप की चढ़ाई को उन्होंने बैसाखियों के सहारे पार की है। इस बार जब वहां पहल गांव में पहुंचे तो प्रशासन ने उन्हें यह कहकर यात्रा करने से मना कर दिया कि वहां बाबा के दर्शन नहीं कर पाएंगे, लेकिन उन्होंने पहले के उनके अनुभव साझा किए तो उन्हें इजाजत दे दी गई। सूर्य प्रताप सोमवार को शेषनाग से आगे यात्रा के लिए रवाना हो गए ।यात्रा बंद होने की वजह से शेषनाग में ठहरे हुए थे ।उनका कहना है कि जब उन्हें बाबा बर्फानी का बुलावा आता रहेगा वहां यात्रा करते रहेंगे।

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