इंदौर के इस शख्स के खास अंदाज के दिवाने हुए आनंद महिंद्रा, ट्वीट में वीडियों जारी कर दिया ऐसा ऑफर चमक जायेगी किस्मत

भारत के उद्योगपति आनंद महिंद्रा हर समय सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं और अपने ट्विटर अकाउंट पर कई लोगों की वीडियो शेयर कर उनकी प्रतिभाओं को दिखाते हैं। इसी बीच अब आनंद महिंद्रा ने आर्थिक राजधानी इंदौर के विक्रम अग्निहोत्री का एक वीडियो शेयर किया है जिसने हर किसी को हैरान कर रखा है। दरअसल आनंद महिंद्रा ने जिस विक्रम अग्निहोत्री का वीडियो लोगों के बीच साझा किया है। वहां एक समय हादसे में अपने दोनों हाथ गंवा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज भी खुद अपने दोनों पैरों से काम करते हैं। विक्रम अपने हाथ खोने के बाद भी पैरों से कार चलाने और हर तरह का काम कर लेते हैं।

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आनंद महिंद्रा ने विक्रम के जज्बें को किया सलाम

दरअसल इंदौर में रहने वाले विक्रम अग्निहोत्री अपनी रोजमर्रा के काम खुद करते हैं। इनके दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद भी वहां बिना किसी की मदद लिए खाना खाते हैं। कार ड्राइव करते हैं इतना ही नहीं खुद अपनी दाढ़ी की सेविंग भी करते हैं और खुद को फिट रखने के लिए फुटबॉल भी खेलते हैं। अब विक्रम के इस साहस को देखकर खुद उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी अपने आप को नहीं रोक पाए और उन्होंने विक्रम के जज्बे को सलाम किया है।

आनंद महिंद्रा ने ट्वीट में लिखी ये बात

ऑटोमोबाइल कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अब इंदौर के विक्रम अग्निहोत्री के संघर्ष को देखते हुए एक ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि विक्रम को 15 महीने तक संघर्ष करना पड़ा है। उनके जज्बे को सलाम करते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा.. ‘विक्रम हमारी कार चलाएं, यह हमारे लिए गौरव की बात होगी। विक्रम मैं आपको झुक कर सलाम करता हूं.. आप की कहानी है जीत की कहानी, कृतज्ञता से जीवन का आलिंगन करना सिखाने के लिए आपका शुक्रिया।

विक्रम वाहन रैली में जीत चुके ट्रॉफी

एक खास बात आपको बता दें कि विक्रम के दोनों हाथ नहीं है। इसके बावजूद भी वहां सब काम कर लेते हैं। हर साल मोटर स्पोर्ट्स में भी विक्रम हिस्सा लेते हैं। उन्होंने नेशनल लेवल के साथ कार रैली में भागीदारी की है। वहीं पांच में उन्होंने ट्रॉफी भी जीती है। खास बात यह है कि इनका मुकाबला दिव्यांगों से नहीं बल्कि सामान्य लोगों से हुआ है। सामान्य लोग दोनों हाथों से कार चलाते हैं, लेकिन विक्रम पैरों से स्टेरिंग पकड़ते हैं और डेजर्ट स्टॉर्म रैली भी कर चुके हैं। इनके जज्बे को देखकर अब हर कोई हैरान है। पूरी दुनिया की नजर बस सिर्फ विक्रम पर टिकी है।

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15 के संघर्ष के बाद मिला कार का लाइसेंस

विक्रम के दोनों हाथ नहीं होने की वजह से उन्हें आरटीओ ने लाइसेंस देने से मना कर दिया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने काफी बार संघर्ष किया और 15 महीने के बाद उन्हें लाइसेंस दिया गया। विक्रम को 29 सितंबर 2016 को आरटीओ से कॉल आया और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस दे दिया गया । विक्रम ने मीडिया से अपनी जानकारी साझा करते हुए बताया कि वहां एक बिजनेसमैन है और एचपी की गैस एजेंसी चलाते हैं। उन्होंने एलएलबी भी कर ली है ।जब उन्होंने लाइसेंस के लिए अप्लाई किया और नहीं मिला तो उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम के बारे में पढ़ा और वहां पर से कैसे कार चला सकते हैं इसके बारे में सीखा। कई दिनों के संघर्ष के बाद उन्हें लाइसेंस दिया गया। बहरहाल विक्रम अब सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बना हुआ है।