सहारा इंडिया के निवेशकों की बड़ी मुस्किलें, पैसे हाथ में आने से पहले इस वजह से टूट गई उम्मीद, जानिए क्यों

सहारा इंडिया में जिन लोगों के पैसे फंसे हुए हैं उन्हें निकालने की कोशिश लगातार की जा रही है, लेकिन अब जो खबर सामने आई है उससे ऐसा लग रहा है कि आसानी से निवेशक अपना पैसा नहीं निकाल पाएंगे। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में सहारा और निवेशक को से जुड़ा हुआ एक नया मामला सामने आ गया है, जहां पर सहारा की तरफ से प्रशासन को जारी किए गए 10 करोड़ का चेक बाउंस हो गया जिसके बाद निवेशक को की मुसीबतें बढ़ गई है।

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10 करोड़ का चेक हो गया बाउंस

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चिटफंड कंपनी सहारा इंडिया में कई लोगों ने निवेश किया था, लेकिन निवेशकों के पैसे अभी तक वापस नहीं मिले ।निवेशकों ने कोर्ट में सहारा इंडिया के खिलाफ केस भी लगा दिया है ।सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई भी चल रही है, लेकिन इसी बीच अब एक और खबर सामने आई है। जिससे निवेशकों की मुसीबतें और भी बढ़ती नजर आ रही है। जानकारी मिली है कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सहारा इंडिया की तरफ से प्रशासन को जारी किए गए 10 करोड़ का चेक बाउंस हो गया है।

इस शर्त पर डायरेक्टरों को मिली थी जमानत

आपको एक खास जानकारी बता देते कि सहारा इंडिया के तहत विभिन्न संस्थाओं में राजनांदगांव के तमाम निवेशकों ने करोड़ों रुपए का निवेश किया था। इन लोगों को रकम वापस नहीं मिलने पर इन्होंने सहारा के चार डायरेक्टरों के खिलाफ कोतवाली पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी थी। इसके बाद इन चारों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। रकम वापसी की शर्त पर इन चारों को आरोपियों को अदालत से जमानत मिली, लेकिन सहारा की तरफ से प्रशासन को जारी किया गया 10 करोड़ का चेक बाउंस हो गया है। ऐसे में सहारा के निवेशकों कि पैसे मिलने की उम्मीद जागी थी लेकिन उससे पहले ही टूट गई है।

इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि चेक बाउंस होने के मामले में कार्रवाई की जाएगी ।31 मई तक सहारा के चार डायरेक्टरों को न्यायालय में पेश होना है ।बताया कि मामला सामने आने के बाद आरोपी डायरेक्टर की तरफ से प्रसन्न के खाते में 150000000 देने की बात कही गई थी ,लेकिन 50000000 खाते में डाले गए ।बता दें कि सहारा से जुड़ी कंपनी सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसायटी के आरोपी मोहम्मद खालिद ,शैलेश मोहन सहाय को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। हालांकि अब देखना यह होगा कि निवेशकों का पैसा कब तक वापस मिलता है।

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