मध्यप्रदेश के धार जिले में दिखा अनोखा नजारा, महंगी कार नहीं बल्कि बैलगाड़ी पर बारात लेकर निकला दूल्हा

आधुनिक दौर में जहां लोग शादियों में लाखों रुपए खर्च करते हैं और डीजे और बैंड बाजों के साथ बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचते है, इसके साथ ही हजारों रुपए बारात में उड़ाने के साथ ही कई रूपों की आतिशबाजी कर देते हैं। वहीं महंगाई के दौर में एक अनोखी खबर मध्य प्रदेश के धार जिले से आई है, जहां दूल्हा महंगी गाड़ियों में नहीं बल्कि बैलगाड़ी में सवार होकर अपनी दुल्हनिया लेने निकला है। ऐसा पहली बार नहीं है कई बार इस तरह के वाक्य देखने को मिलते हैं। दूल्हे को बैलगाड़ी में बारात ले जाते देखकर सड़कों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। दूल्हे ने शेरवानी के साथ ही चांदी के आभूषण पहन रखे थे उसने आधुनिक चकाचौंध छोड़कर आदिवासी समाज की संस्कृति परंपरा का निर्वाह करते हुए इस तरह की शादी कर समाज को एक सीख दी है।

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पढ़ाई के दौरान दोनों के बीच हुई पहचान

दरअसल यह नजारा मध्य प्रदेश के धार जिले के गांव पडियाल में देखने को मिला, जहां दूल्हा m.a. पास है इसके साथ ही वहां कोचिंग संचालक है। बताया जाता है कि दूल्हा और दुल्हन पढ़ाई के दौरान एक दूसरे को पसंद करते थे जिसके बाद उन्होंने अपनी पसंद को आगे रखते हुए शादी करने का फैसला किया और आज एक दूसरे के हो गए।

7 साल तक चला दोनों के बीच अफेयर

वहीं 7 साल तक चले इन दोनों के बीच संबंध के बाद अपने परिवारों के बीच शादी का प्रस्ताव रखा जिसके बाद दोनों परिवारों ने शादी का फैसला करते हुए 11 फरवरी को शादी तय कर दी थी। जिसके शुक्रवार को दोनों की शादी पुराने अंदाज में कराई गई, हालांकि बारात में डीजे भी थे , लेकिन बारात कार की बजाए बैल गाड़ी में निकली गई।

परिवार का हर सदस्य करता है नौकरी

आपकी जानकारी के लिए बता दें पडियाल गांव के रहने वाले रमेश चंद्र अलावा के बेटे गजेंद्र सिंह अलावा ने फलिया की रहने वाली रहने वाली अलका से सात फेरे लेने का प्रस्ताव रखा। वही दूल्हे का पिता भी एक टीचर है इसके साथ ही दूल्हे की चचेरी बहन महू में मंडी इंस्पेक्टर है, वही गजेंद्र की बहन की शादी हो चुकी है। भाई भूपेंद्र कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है और दूल्हा गजेंद्र बड़वानी में एक निजी कोचिंग चलाता है। वही दुल्हन B.Ed कर सरकारी टीचर बनने का सपना संजोए बैठी है।

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वहीं परिवार के ही एक व्यक्ति ने इस विशेष बारात के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बैलगाड़ी को कार की तरह ही फूलों से सजाया गया। आगे डीजे और पीछे बैलगाड़ी में बैठे दूल्हा चल रहा था और आगे डीजे पर बराती जमकर झूम रहे थे। इस नजारे को देखने के लिए सड़क पर लोगों की भीड़ जमा हो है।