मध्यप्रदेश के इस स्कूल में बच्चे दौड़ाते है रोबोट, जानिए इसके पीछे का पूरा सच

मध्य प्रदेश के आगर जिले के एक छोटे से गांव नलखेड़ा का एक वीडियो सामने सामने आया है जो आपको हैरान कर देखा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ये वीडियो कोरिया या जापान का नहीं बल्कि मध्यप्रदेश का है, जहां एक तरफ बड़े बड़े शहरों के स्कूल के बच्चे पहाड़ों को रटने में लगे हुए है। वहीं नलखेड़ा के बच्चे आंखों में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम बनने का सपना सजाए हुए हैं। यह बच्चे अपनी क्लास में जोड़ घटाव के साथ रोबोट बनाकर उसकी रेस लगाते हैं।

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अब्दुल कलाम बनाने का स्कूल देख रहा सपना

मध्यप्रदेश के नलखेड़ा गांव का नाम शायद आपने मां बगलामुखी के कारण सुना हो, लेकिन यहां एक ऐसा भी स्कूल है जो अपने स्कूल में अगला एलेन मास्क और एपीजे अब्दुल कलाम बनाने का सपना संजोए हुए है। इस स्कूल का नाम हॉगवटर्स है जो मसहूर फिल्म हैरी पॉटर से प्रेरित है और उसी से सीखकर उसके जैसे बच्चों को बना रहे है। इस स्कूल के बच्चे पढ़ाई के साथ कुछ ऐसा भी सिख रहे है जो स्कूल की शिक्षा नीति में हमें टॉर्च लेकर भी ढूंढने पर नहीं मिलेगा।

5 से 7 साल के बच्चे बनाते है रोबोट

हाल ही में इस स्कूल के फॉउंडर इंजीनियर अर्पित ने रोबोटिंग रेस का आयोजन किया जो बड़े—बड़े इंजीनियरिंग कॉलेजों में ही देखने को मिलती है। वहीं रोबोट की रेस लगा रहे इन बच्चों में किसी की उम्र 5 वर्ष तो किसी की 7 वर्ष से ज्यादा नहीं है। केजी—2 से इस स्कूल में बच्चे रोबोट बनाना सीखते है। बता दें कि इस समय बच्चों को रोबोट बनाने का वीडियो इस सयम सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियों को देखकर लोग स्कूल और बच्चों के जज्बे को देखकर काफी तारीफ कर रहे है।

इंजीनियर अर्पित ने दी ये जानकारी

वहीं जब इस मामले को लेकर इंजीनियर अर्पित से बात की गई तो उन्होंने इस स्कूल को लोकतांत्रिक बताया है। जहां पर बच्चे अपनी खुद की इच्छा से पढ़ाई करते है। वहीं इस रोबोट का काम करने वाले बच्चों के ऊपर किताबी दबाव नहीं डाला जाता है। ​बता दें कि अर्पित खुद भी इंजीनियर है और वहां इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को ऐसी शिक्षा देना चाहते है जो ​ना सिर्फ थ्योरिकल हो बल्कि प्रेक्टिकल से बच्चे पढ़ाई करे और अपने देश का नाम रोशन करे।

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