कुपोषण का कलंक खत्म करने को प्रयासरत CM शिवराज, मामा ने पिलाई बच्‍चों को स्‍वर्ण-रसायन की दो बूंद

भोपाल- मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार प्रदेश से कुपोषण का कलंक खत्म करने के लिए लगातार प्रयासरत है। सीएम शिवराज स्वयं बच्चों को कुपोषण से दूर कर सुपोषण बनाने में जुटे हुए हैं। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राजधानी भोपाल के तुलसी नगर स्थित आरोग्य भारती कार्यालय में सुपोषण अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया और बच्चों के लिए इम्युनिटी बूस्टर माने एक स्वर्ण प्राशन का प्रदाय किया।

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दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में सुपोषण अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में बच्चों के कुपोषण के खिलाफ कई अभियान संचालित हैं। मेरा समाज से आह्वान है कि सुपोषण युक्त समाज के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। बच्चों को कुपोषण से दूर करने में स्वर्णप्राशन का भी अति महत्व है। हमारे ऋषि-मुनियों, मनीषियों ने हमेशा यह चिंता की है कि मनुष्य को सुखी रहना है तो निरोग रहना जरुरी है। कोशिश यह हो कि हम बीमारी ना हों।

पुष्य नक्षत्र से है स्वर्णप्राशन का संबंध

खास बात ये है कि ज्योतिष की तरह ही आयुर्वेद में भी “पुष्य नक्षत्र” का बहुत महत्व है। इस मौके पर सीएम ने कहा कि स्वर्ण प्राशन सहित सोलह संस्कार वैज्ञानिक हैं। स्वर्ण प्राशन चटाने का अति महत्व है। जन्म से लेकर 16 साल की आयु तक अभिभावक बच्चों में इसका उपयोग करते हैं।

इन चीजों से बनती है स्वर्ण प्राशसन दवा

गौरतलब है कि स्वर्ण प्राशन दवा स्वर्ण भस्म, मधु यानि शहद, हर्बल घी को मिलाकर तैयार की जाती है। पुष्य नक्षत्र वाले दिन इसे छह माह लेकर से 16 साल तक के बच्चों को पिलाया जाता है। मुख्‍यमंत्री शिवराज ने यह भी कहा कि राजधानी में स्‍थित खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज आदर्श केंद्र है। यहां पंचकर्म जैसी सुविधाएं हैं। मुझे अत्यंत खुशी है कि इस कॉलेज को शोध केंद्र बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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