ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव पर कही ये बात

मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव में खत्म हुए ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। बुधवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बिना ट्रिपल टेस्ट नियम के प्रदेश में चुनाव नहीं कराए जाये। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रिपल टेस्ट नियम के तहत ही आरक्षण तय किया जाये इसे बाद ही मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव कराये जाए।

google news

बता दें कि शिवराज सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को बहाल करने की मांग की गई थी। इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए ट्रिपल टेस्ट नियम के प्रदेश में चुनाव कराने के निर्देश दिए है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में बताया कि मध्यप्रदेश ही नहीं सभी राज्यों में आरक्षण नियम का पालन जरूर करे। इसके साथ ही कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका का निराकरण कर दिया है। इसके बाद अब मध्य प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी।

कलनाथ ने चुनाव कराने की दी थी चेतावनी

गौरतलब है कि बीते दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 2 महीन में चुनाव आयोग और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को पंचायत चुनाव कराने की मांग की थी। इसी के साथ ही उन्होंने अल्टीमेटम देते कहा था कि अगर 2 म​हीने के अंदर मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव नहीं होंगे तो कांग्रेस प्रदेशभर में जिला-जिला, गांव-गांव और ब्लॉक-ब्लॉक स्थिर पर धरना प्रदर्शन करेगी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिवराज सरकार के द्वारा प्रदेशभर में ओबीसी आरक्षण को लेकर सर्वे कराया जा रहा था। सर्वे कार्य खत्म होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगाई गई थी। जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग ने जानकारी देते हुए बताया की प्रदेश में 21 हजार 975 अन्य पिछड़ा वर्ग के पद खाली पड़े है। इसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की पंचायतवार जानकारी जुटा रहा है। इसी के साथ ही निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद सभी जिले के कलेक्टरों के द्वारा परिसीमन और वोटर लिस्ट को नए सिरे से बनाने के कार्य तेजी से चल रहे है।

google news