मध्यप्रदेश में इस जगह भगवान राम का अनूठा मंदिर, हनुमान जी को बनाया अध्यक्ष तो यमराज करते है सुरक्षा, इस शर्त पर मिलता है प्रवेश

मध्य प्रदेश में कई धार्मिक स्थल है जहां उनकी कई मान्यता और कई इतिहास होता है। इसी बीच हम आपको मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो काफी अनूठा होने के साथ ही रहस्यमयी बना हुआ है। दरअसल यह मंदिर भगवान श्रीराम का है, जहां कुछ शर्तों के साथ ही लोगों को भगवान राम के दर्शन होते हैं और शर्ते भी ऐसी है जिसे पूरा करने पर कण-कण में राम बस जाते है। यह मंदिर बस सिर्फ भगवान राम का संदेश देता है। इस मंदिर में अगर आपको भगवान राम के दर्शन करने हैं तो आपको 108 बार राम लिखने के बाद ही प्रवेश मिलता है। कहते हैं ऐसा करने से भगवान राम उस व्यक्ति को दर्शन देकर सारी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।

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इस शर्त पर मिलता है मंदिर में प्रवेश

दरअसल भगवान राम के मंदिर तो कहीं हैं लेकिन आर्थिक राजधानी इंदौर में बसा यह अनूठा मंदिर अपने आप में विख्यात है। श्री रामनवमी के मौके पर इस मंदिर में भव्य आयोजन भी हुए और बड़ी संख्या में भक्त भगवान राम के जन्म उत्सव में शामिल हुए। कहते हैं इस मंदिर में अगर आपको भगवान राम के दर्शन करने हैं तो उससे पहले आपको 108 बार राम लिखना पड़ेगां उसके बाद ही आप दर्शन कर पाएंगे। इस मंदिर में भगवान हनुमान जी की 251 फीट ऊंची मूर्ति बनी हुई है जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए इंदौर शहर के श्रद्धालुओं के साथ ही दूर दराज से लोग पहुंचते हैं।

अगर आपको इस मंदिर में दर्शन करने हैं तो पहले आपको मंदिर प्रशासन द्वारा बनाई गई शर्तो को मानना पड़ेगा ।यानी कि पहले जब भी आप दर्शन के लिए मंदिर के द्वार पर पहुंचेंगे तो आपको 108 बार राम लिखना पड़ेगा। इसके बाद आपको दर्शन की अनुमति मिलेगी। ऐसा नहीं है कि यह नियम आम जनता के लिए ही बनाए गए हैं बल्कि वीआईपी को भी इस नियम का पालन करना पड़ता है।

यमराज करते हैं सुरक्षा

बता दें कि मंदिर में भगवान हनुमान अध्यक्ष तो वहीं कोषाध्यक्ष कुबेर है। 24 घंटे भगवान गणेश की सूंड से भगवान शिव का जलाभिषेक होता रहता है। इस मंदिर को चलाने के लिए कोई ट्रस्ट नहीं बनाया गया ,है बल्कि भगवान ही इस मंदिर को संचालित करते हैं। मंदिर की सुरक्षा 24 घंटे यमराज संभालते हैं और इसका लेखा-जोखा चित्रकूट के हाथों में होता है। मंदिर के अंदर रामलीला तो वही मंदिर के बाहर कृष्ण का विराट स्वरूप दिखाया गया है। इसके साथ ही मंदिर के चारों तरफ महाभारत का उल्लेख किया गया है। इस मंदिर के पुजारी प्रकाश वागलेचा एक समय आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे, लेकिन वहां जब भगवान राम की शरण में पहुंचे तो भगवान ने उनकी मनोकामना पूरी कर दी और तभी से वहां मंदिर के पुजारी के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं।

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