बचपन में करंट से गंवाई आंखों की रोशनी, अब कजाकिस्तान में भारत के लिए खेलेंगे ये खिलाड़ी

कजाकिस्तान में 2024 में होने वाले अंतरराष्ट्रीय ब्लाइंड स्पॉट एसोसिएशन की ओर से वर्ल्ड ग्रैंड प्रिक्स का आयोजन किया जाएगा। जिसमें राजधानी भोपाल के 3 खिलाड़ियों का चयन हुआ है। इसमें स्वाति शर्मा, सैयद हेतराम, कपिल परमार शामिल है। यह तीनों खिलाड़ी 80% तक ब्लाइंड है। बता दें कि इन की आंख बचपन में करंट लगने के दौरान खराब हो गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी इन्होंने अपने खेल को जारी रखा और दुनिया के सामने एक अलग पहचान बनाई है। इन खिलाड़ियों के कोच प्रवीण पटेल हैं उनका कहना है कि 2024 में होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय ब्लाइंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन की ओर से वर्ल्ड ग्रैंड प्रिक्स में हिस्सा लेंगे।

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इस एक हादसे ने छीन ली सैयद एहतराम की आंखें

अगर इंसान में किसी काम को करने की काबिलियत और हौंसलों में दम हो तो कुछ भी किया जा सकता है। ऐसे ही अब हम बात कर रहे हैं राजधानी भोपाल के सैयद एहतराम की जिनकी आंखों की रोशनी बचपन में ही चली गई थी। बता दें कि 19 साल की उम्र में उनके साथ एक ऐसा एक्सीडेंट हुआ कि उनकी आंखों के सामने पूरी दुनिया ओझल हो गई अब वहां 80% तक ब्लाइंड है। जानकारी मिली है कि सैयद को घर में ही करंट लगा था जिसकी वजह से दोनों ही आंखें खराब हो गई थी। इसके बाद भी उन्होंने अपने खेल को जारी रखा और 2019 के कॉमनवेल्थ पैरा जूड़ों चैंपियशिप में इंग्लैंड में रजत पदक हासिल किया है।

कपिल परमार ने इस तरह खोई आंखें

इसी तरह अब हम बात कर लेते हैं कपिल परमार की जिनकी उम्र सिर्फ 15 वर्ष थी। वहां खेत में थ्रेसर चला रहे थे उसी समय उन्हें ऐसा करंट लगा कि उनकी आंख खराब हो गई। इसके बाद उन्होंने मध्यप्रदेश में ब्लाइंड जूड़ों की शुरुआत की तब से वे इस खेल में जुड़े रहें और तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने 2019 के कॉमनवेल्थ पैरा जूड़ों चैंपियनशिप में इंग्लैंड में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है।

हीटर के झटके से गवा दी दोनों आंखें

बात करते हैं हम 16 साल की उम्र में हीटर के करंट से आंख गंवाने वाली स्वाति शर्मा की। जिनकी आंखें अब 80% तक खराब हो गई है। 2018 से यह श्री मिशन में आई और जूड़ों की ट्रेनिंग कर रही है। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड में कामनवेल्थ पैरा जूडो चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया है।

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