इस जगह बनेगा स्वर कोकिला लता मंगेशकर के नाम पर अंतर्राष्ट्रीय कॉलेज व म्यूजियम, ठागरे ने दिये इतने करोड़
स्वर कोकिला लता मंगेशकर आज हमारे बीच भले ही नहीं है, लेकिन उनकी यादें हमेशा तरोताजा है। लता मंगेशकर का कुछ दिनों पहले निधन हो गया था, लेकिन आज भी उनकी यादें हर किसी के दिलो-दिमाग में बसी है। लता मंगेशकर ने एक से बढ़कर एक गीत गाए इतना ही नहीं उन्होंने देश को समर्पित कई तरह के गीत गाये हैं जो आज भी लोगों की जुबां पर है। यहीं वजह है कि देश आज दीदी से जुड़ी यादों को सहेजने में लगा हुआ है। अब उनका नाम महाराष्ट्र से भी जुड़ गया है। बहुत जल्द लता मंगेशकर के नाम पर संगीत का अंतरराष्ट्रीय महाविद्यालय खोला जाएगा। इसकी घोषणा महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने कर दी है। इसके लिए 100 करोड़ रुपए का बजट भी प्रस्तावित कर दिया है।
उद्धव सरकार ने की 100 करोड़ की घोषणा
दरअसल अपनी आवाज से संगीत को सुरों में पिरोने वाली लता मंगेशकर आज दुनिया में भले ही नहीं है, लेकिन उनकी यादें आज भी तरोताजा यहीं वजह है कि देश अब उन्हें कोने-कोने में सहेजने में लगा, ताकि वहां हमेशा लोगों के बीच यादें बनकर रह सके ।लता मंगेशकर के नाम से अब महाराष्ट्र में लता दीनानाथ मंगेशकर इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ म्यूजिक व म्यूजियम खोला जायेगा। इसके लिए महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने 100 करोड रुपए देने की घोषणा कर दी है। यहां 6 लोगों की समिति की देखरेख में बनाया जाएगा इसका अध्यक्ष लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर को बनाया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लता दीनानाथ मंगेशकर इंटरनेशनल कॉलेज आॅफ म्यूजियम के लिए जगह भी देख ली गई है। जिसे मुंबई के कालीना स्थित मुंबई यूनिवर्सिटी में 5 एकड़ जमीन में बनाया जाएगा। लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार शिवाजी पार्क में किया गया था, जहां पर उनकी एक स्मारक बनाने की मांग भी की गई थी। कॉलेज व म्यूजियम की स्थापना करने के लिए समिति का गठन भी कर दिया गया है अब उनके निर्देशन में कॉलेज और म्यूजियम तैयार किया जाएगा।
लता मंगेशकर ने जितने भी गाने गाए थे सब अपने हाथों से लिखे थे ।इस कॉलेज और म्यूजियम में मंगेशकर के सारे गानों का इतिहास रखा जाएगा। वहीं उनके लिखे नोट्स को भी रखा जाएगा। इसके साथ ही पुस्तको वाद्य यंत्र और उनकी कई वस्तुएं इस म्यूजियम में रखी जाएगी।
‘इन सर्च ऑफ लता मंगेशकर’ को संजोने वाले हरीश भिमानी बताते हैं कि उस दौर में हर गाने की दो से तीन रिकॉर्डिंग होना आम बात थी। उन्होंने 21 देशों के 53 शहरों में 123 शोज लिखी है। हालांकि लता मंगेशकर को अब यादों में रखने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं।