ये है मध्यप्रदेश का मोगली, जो बिना कपड़े बिता रहा जीवन, चड्डी-टावेल लपेट जाता है कालेज

Mogli in Madhy Pradesh : जंगल बुक फिल्म तो सभी ने देखी है। इसमें मोगली जो कि बिना कपड़ों के जानवरों के साथ जंगल में रहता है। वहीं पलता बढ़ता है और खाता पीता है। ये तो रही फिल्म की बात लेकिन एक असल जिंदगी में इसी तरह का वाक्या मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में देखने को मिला, जहां 18 वर्षीय कन्हैया अवासिया बचपन से ही मोगली के रूप में ख्यात है। प्रा​थमिक, माध्यमिक व हायर सेकेंडर की पढ़ाई अपने अंदाज में की है और अब कॉलेज में भी अपने अंदाज में पढ़ाई कर रहा है।

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चड्डी और टावेल में जाता है कॉलेज

डूब क्षेत्र ग्राम पिछोड़ी का रहने वाला कन्हैंया अवासिया कालेज में टावेल लपेटकर पहुंच रहे है। बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। उसे कपड़े पहनने की आदत बच्चन से नहीं है और चड्डी और टावेल लपेटकर ही कॉलेज जाता है। कन्हैया की मां का कहना है कि उसने बच्चन से ही कपड़े नहीं पहने है। कपड़े पहनाते है तो जोर—जोर से रोता है। वहीं शहीद भीमा नायक स्नातकोत्तर महाविद्यालय के करियर सेल प्रभारी डॉ. मधुसूदन चौबे का कहना है कि कन्हैया आम विद्यार्थियों की तरह ही पढ़ाई करता है।

वहीं कन्हैंया के शिक्षकों व भाई के अनुसार उसके माता-पिता ने भी उसे कपड़े पहनाने की जिद छोड़ दी है। वह बचपन से ही कपड़े नहीं पहनने का आदि हो चुका है। सिर्फ चड्डी पहनकर ऊपर से टावेल लपेटकर ही रहता है। ऐसे ही वह स्कूल-कालेज भी पहुंचा और पढ़ाई कर परीक्षाएं भी दी है।

पढ़ाई में बहुत अच्छा है कन्हैया

डॉ. चौबे की माने तो कन्हैया हैंडराइटिंग और पढ़ाई में भी बेहतर है। आम विद्यार्थियों की तरह ही पढ़ाई कर वह अच्छे अंक लाता है। कन्हैया सीधा सादा होने के साथ ही बहुत ही कम बोलता है। ज्यादा सवाल भी नहीं करता। इसके अलावा खेलकूद में भी रूचि होने से विविध स्पर्धाओं में भाग लेता है। वहीं योग ध्यान की कक्षा भी अटैंड कर यौगिक क्रियाओं का प्रशिक्षण ले रहा है। स्वजनों के अनुसार उसकी कपड़े नहीं पहनने की जिद के आगे वे कुछ नहीं कर पाते है। उसकी पढ़ाई में रूचि के कारण उसे निरंतर पढ़ाई के लिए प्रेरित करते रहते हैं।

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