रूस-यूक्रेन हमले से MP के किसानों को लाभ, भारत में बढ़ी मांग, इतना महंगा बिक रहा गेहूं

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध लगातार जारी है। इस युद्ध की वजह से भारत में महंगाई पर असर जरूर पड़ा है, लेकिन इस समय मध्य प्रदेश के किसानों को काफी लाभ मिलता नजर आ रहा है। दरअसल यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध से गेहूं का निर्यात नहीं होने की वजह से किसानों को फायदा हो रहा है, क्योंकि भारत में गेहूं की मांग बढ़ गई है और ऐसे में मंडियों में गेहूं महंगा खरीदा जा रहा है जिससे किसानों को काफी लाभ मिल रहा है। अगर खुले बाजार की बात करें तो गेहूं 500 रुपये तक ऊंचा बिक रहा है तो वहीं 20000 क्विंटल गेहूं हर दिन मंडियों में पहुंच रहा है जिसका फायदा मध्य प्रदेश के किसानों को मिल रहा है।

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बढ़ सकते हैं गेहूं के दाम

दरअसल रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है। ऐसे में भारतीय बाजार में गेहूं की मांग भी बढ़ गई है। इसकी वजह से अब गेहूं के दाम किसानों को बढ़कर मिल रहे हैं और हर दिन खंडवा मंडी में 30000 क्विंटल गेहूं पहुंच रहा है। महंगे बिकने की वजह से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं। अनुमान है कि गेहूं 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकता है। वहीं समर्थन मूल्य में गेहूं 2050 खरीदा जाएगा, लेकिन खुले बाजार में यही गेहूं 200 से लगाकर 2500 रुपये क्विंटल तक बिक रहा है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस समय गेहूं में समर्थन मूल्य पर पंजीयन होने के साथ ही समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदा जा रहा है, लेकिन इस बार किसानों को खुले बाजार में अच्छे दाम मिल रहे हैं। जिसकी वजह से प्रदेशभर के किसान खुश है ।फरवरी से शुरू हुई गेहूं की आवक ने मार्च में रिकॉर्ड बना लिया है। समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए मंडियों में वाहनों की कतार लगी है। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चलने की वजह से भारत से गेहूं निर्यात नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से गेहूं की मांग बढ़ गई है। गेहूं के मौजूदा आंकड़े की बात करें तो फरवरी के अंत तक करीब 7 मिलियन टर्न हो चुका है।

पिछले साल से ज्यादा उत्पादन होने का अनुमान

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध होने की वजह से भारत से गेहूं की निर्यात बढ़ गई है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अनाज उत्पादक देश है। वहीं रूस यूक्रेन भी दुनिया के कुल गेहूं निर्यात का एक तिहाई हिस्सा निर्यात करते हैं, लेकिन दोनों देशों में युद्ध के चलते गेहूं का निर्यात नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से भारत में गेहूं की मांग बढ़ गई है और इसका फायदा मध्य प्रदेश के किसानों को मिल रहा है। भारत पिछले साल के मुकाबले जो 109 मिलियन टन ज्यादा है। इस साल भारत में 111.32 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान है।

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