अब देश के दुश्मनों को ढूंढ-ढूंढकर मारेंगे जवान, 14 साल के 8वीं पास विद्यार्थियों ने बनाया ये स्मार्टवॉच ट्रैकर, जानिए खासियत

देश की सीमा पर खड़े जवान सुरक्षा में हर वक्त लगे रहते हैं। अगर यह जवान सरहद पर खड़े होकर सुरक्षा नहीं करेंगे तो हम हमारे घर में सुरक्षित नहीं रह पाएंगे। देश के दुश्मन हमेशा हमला करने को तैयार रहते हैं। इनका सामना करने के लिए भारतीय जवान हमेशा ड्यूटी पर तैनात रहते हैं ।ऐसे में इनके हाथ और मजबूत करने के लिए सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है। एक तरफ जहां सबसे खतरनाक मिसाइल बनाई जा रही है तो दूसरी और अब 18 वीं क्लास के स्टूडेंट ने ऐसी ‘स्मार्ट वॉच ट्रैकर’ बनाई है जिससे आप भारतीय जवान इन दुश्मनों को ढूंढ ढूंढ कर मारेंगे।

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8वीं के स्टूडेंट्स ने बनाई ये स्मार्ट वॉच ट्रैकर

दरअसल मातृभूमि की रक्षा करने वाले भारतीय वीर जवान हर समय ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। मुश्किल हालातों में भी दुश्मनों का सामना करने के लिए खड़े रहते हैं। हर साल कई जवान अपनी जान गवा देते हैं और मातृभूमि के लिए शहीद हो जाते हैं। हाल ही में पूर्वोत्तर के मणिपुर और पहाड़ी इलाकों में हुए लैंडस्लाइड की वजह से कई जवानों को जोखिम भी उठाना पड़ा था ।ऐसे में 2 स्टूडेंट ने एक ऐसा स्मार्ट वॉच ट्रैकर बनाया है जिससे जवानों की लोकेशन के बारे में पता चल जाएगा। यह स्मार्ट वॉच ट्रैकर इन जवानों को ढूंढने और राहत देने में काफी मददगार साबित होगी।

वाराणसी के इस स्कूल में पढ़ते छात्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के आर्यन इंटरनेशनल स्कूल के क्लास 8वीं में पढ़ने वाले 2 विद्यार्थियों ने एक ऐसी स्मार्ट वॉच ट्रैकर बनाई है जिससे अब भारतीय जवान दुश्मनों को ढूंढ ढूंढ कर मारेंगे। दरअसल दक्ष अग्रवाल और सूरज ने मिलकर मुश्किल इलाकों में तैनात जवानों के लिए खास स्मार्ट सोल्जर ट्रैकर वॉच बनाई है। उनका कहना है कि मणिपुर में हुई लैंडस्लाइड की घटना से उन्हें काफी आहत पहुंचा है। इस घटना के बाद उन्होंने एक विशेष तरह की स्मार्ट वॉच का अविष्कार कर दिया है जो कि जवानों और भारतीय नागरिकों के काफी काम आएगी।

50 मीटर की रहेगी स्मार्ट वॉच ट्रैकर की रेंज

दक्ष और सूरज ने बताया कि इस स्मार्ट सोल्जर ट्रैकिंग वॉच मलबे में दबे जवानों को ढूंढने और रेस्क्यू टीम के रूप में काम करेगी। इस ट्रैकिंग वॉच के 2 पार्ट से जिसमें पहला ट्रांसमीटर सेंसर जो जवानों की घड़ी में लगा हुआ रहेगा। कोई दूसरा रिसीवर अलार्म सिस्टम है जो स्मार्ट वॉच के ट्रांसमीटर सेंसर से जुड़ा है। यहां अलार्म सिस्टम आर्मी के कंट्रोल रूम में रहेगा ।इसकी रेंज 50 मीटर की रहेगी। वहीं कभी भी लैंड स्लाइड जैसी घटना अगर होती है तो घड़ी के सेंसर पर दबाव पड़ेगा जिससे वहां एक्टिव हो जाएगा। इसके बाद रिसीवर को सिग्नल भेजेगा जैसे ही घड़ी भेजे गए रेडियो सिगनल को रिसीव करेगा। कंट्रोल रूम में अलार्म बजना शुरू हो जाएगा। ऐसे में मलबे में दबे घड़ी के सिग्नल से अंदर की जानकारी भी प्राप्त हो जाएगी।

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स्मार्ट सोल्जर ट्रैकिंग वॉच की खास बात यह है कि यहां ट्रांसमीटर एक भोज की तरह है। यह उस जवान की कलाई पर लगी होगी। दूसरा हम इसे अपनी जेब में भी रख सकते हैं। यह रिसीवर डिवाइस जवानों के कंट्रोल रूम में होगा। दोनों डिवाइस रेडियो सिगनल की जगह दूसरे से जुड़े लोग रहेंगे जो कि ट्रांसमीटर की तरह काम करती रहेगी।