मध्यप्रदेश में मंडराया पेट्रोल डीजल का संकट, बंद होने की कगार पर 850 पेट्रोल पंप, बिगड़ सकते है ​हालात

केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा कई दिनों बाद पेट्रोल और डीजल से एक्साइज ड्यूटी घटाकर राहत दी थी, लेकिन अब आम जनता की परेशानी एक बार फिर बढ़ गई है। दरअसल मध्यप्रदेश में कई पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल की कील्लत हो गई। जिसकी वजह से ग्राहक इधर से उधर भटक रहे हैं। इसको लेकर पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस बारे में अवगत करा चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी भी तरह का जवाब नहीं आया है। ऐसे में प्रदेश के कई पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं।

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बंद होने की कगार पर पहुंचें पेट्रोल पंप

दरअसल तेल कंपनियों ने बीते दिनों पेट्रोल डीजल की आपूर्ति को कम कर दी थी। जिसकी वजह से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत कई जगह पेट्रोल की किल्लत हो गई है। अगर राजधानी भोपाल की बात करें तो यहां पेट्रोल पंप पर तेल कंपनियां 50% ही पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति कर रही है। जिसकी वजह से वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिल पा रहा है। अब आलम यह है कि कई पेट्रोल पंप सूख गए हैं तो अब ग्राहकों को इधर से उधर पेट्रोल के लिए भटकना पड़ रहा है। वहीं कई पेट्रोल अब बंद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं।

राजधानी में 850 पेट्रोल पंप बंद की कगार पर

इस मामले में मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन अध्यक्ष अजय सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि सबसे अधिक परेशानी भारत व हिंदुस्तान पेट्रोल पंप के संचालकों को हो रही है। सोमवार को जहां प्रदेश के करीब 850 पेट्रोल पंप के बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। आलम यह है कि पेट्रोल पंप पर अगर कोई ग्राहक पेट्रोल डलवाने के लिए जा रहे हैं तो पंप संचालकों और ग्राहकों को समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। यानी कि ग्राहकों को पेट्रोल पंप से बिना पेट्रोल दिए लौटाया जा रहा है।

152 में से 12-13 पेट्रोल पंप की हालत खराब

राजधानी भोपाल में 12 से 13 पेट्रोल पंप की स्थिति खराब हो चुकी है। कभी भी यह पेट्रोल बंद हो सकते हैं। पेट्रोल पंप की संख्या 152 है। इसके चलते नीलबड़, कोक्ता ट्रांसपोर्ट नगर, बैरसिया सहित शहर की सीमाओं व ग्रामीण क्षेत्र के पंपों पर पेट्रोल व डीजल ना के बराबर बचा हुआ है। ऐसे में यह पेट्रोल पंप कभी भी बंद हो सकते हैं। वही पेट्रोल नहीं मिलने की वजह से ग्राहकों को भटकना पड़ रहा है। इसी तरह का आलम अब इंदौर में भी देखा जा रहा है। इंदौर के पंप संचालकों का कहना है कि शहर के आसपास असर शुरू हो चुका है। कंपनियों की रणनीति से इंडियन ऑयल पर दबाव बढ़ने लगा है।

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तेल कंपनी की आपूर्ति कम करने के पीछे तेल कंपनियां घाटा बता रही है। आगामी कुछ दिनों तक ऐसा ही आलम चलता रहा तो पूरे शहर में पेट्रोल डीजल की किल्लत हो जाएगी। यानी कि पूरे पेट्रोल पंप सूख जाएंगे। हालांकि इस मामले में अजय सिंह का कहना है कि तेल कंपनियां 2 दिन में 1 बार पेट्रोल व डीजल पंप तक पहुंचा रही है। मंगलवार शाम तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में दिखी पेट्रोल डीजल की किल्लत

ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर हालत खराब हो रही है। इस समय सोयाबीन धान की बुवाई शुरू हो रही ।है ऐसे में कृषि यंत्र में काम आने वाले ट्रैक्टर और अन्य चीजों में डीजल और पेट्रोल की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में यहां पर महंगाई का सीधा असर देखा जा रहा है।