बिहार के चारा घोटाले की तर्ज पर मध्यप्रदेश में राशन घोटाला, स्कूटर, बाइक, कार और ऑटो के नंबरों पर बने ट्रकों के बिल, जानिए कैसे हुआ खुलासा

मध्यप्रदेश में बिहार के चारा घोटाले की तर्ज पर अब राशन घोटाला का मामला सामने आया है। दरअसल मध्य प्रदेश के महालेखाकार ने इस योजना में फर्जीवाड़े की तरफ इशारा कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार जिन ट्रकों में 1100 के पोषण आहार का परिवहन बताया गया वहां असलियत में मोटरसाइकिल और स्कूटर निकले हैं। यानी कि कंपनियों ने मोटरसाइकिल से ट्रक की क्षमता वाला पोषण आहार धोने का काम किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार राशन घोटाले करने वालों के खिलाफ सख्ती बरत रहे हैं। दूसरी तरफ इनके हौंसले इतने बुलंद है कि लगातार घोटाला करने से बाज नहीं आ रहे है।

google news

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राशन घोटाला करने वालों के खिलाफ लगातार सकते दिखा रही है इसके बावजूद भी अब इनके हौसले इतने बुलंद हैं कि राशन घोटाला करने से बाज नहीं आ रहे हैं ताजा मामला एक और सामने आया है जहां पर टेक होम राशन इस टीम में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है मध्य प्रदेश के महालेखाकार ने इस योजना में फर्जीवाड़े की तरफ इशारा कर दिया है एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके अनुसार मोटरसाइकिल और स्कूटर से राशन ढोने का काम किया गया

चारा घोटाले की तर्ज पर हुआ राशन घोटाला

दरअसल अभी तक राशन दुकानों में राशन बांटने में धांधली के मामले सामने आए हैं, लेकिन अब तो पूरी तरह से राशन को ही गायब कर दिया गया है। दरअसल जिस तरह बिहार में चारा घोटाला किया गया था उसी की तरह अब मध्य प्रदेश में राशन घोटाला किया गया है। इस बात का खुलासा अकाउंटेंट जनरल की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है इसमें बताया गया कि 110.83 करोड रुपए का पोषण आहार तो सिर्फ कागजों में ही बढ़ गया है ।रिपोर्ट के अनुसार जिन ट्रकों से 1100 के पोषण आहार का परिवहन करना बताया गया है। वहां असलियत में मोटरसाइकिल और स्कूटर निकले हैं। यानी कि कंपनियों ने मोटरसाइकिल से ट्रक की क्षमता वाला पोषण आहार ढोने का काम किया है।

ट्रक के नंबर स्कूटर, बाइक, कार और ऑटो के पाए गए

इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि परिवहन के लिए कंपनियों को 600000000 भी अफसरों ने दे दिए हैं। ऑडिटर जनरल ने इसकी जांच की तो अब हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है ।मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत काम करने वाली आंगनबाड़ियों में कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार वितरित किया गया जाता है। पोषण आहार पहुंचाने की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को दी गई ।ऑडिटर जनरल रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों ने परिवहन के लिए जिन ट्रकों के नंबर दिए हैं उनके रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच मध्यप्रदेश समेत राज्यों के सभी परिवहन विभाग की वेबसाइट से की गई।

google news

इंदौर साइट पर ट्रक के नंबर स्कूटर मोटरसाइकिल कार और ऑटो के पाए गए हैं। यानी कि कंपनियों ने पोषण आहार का वितरण करने के बजाय सिर्फ कागजों में एंट्री दिखा दी है। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि छिंदवाड़ा, धार, रीवा, सागर, झाबुआ, सतना, शिवपुरी ,जिलों में ही करीब संख्या नौ हजार मैट्रिक टन पोषण आहार स्टाफ में होना बताया है, जबकि 87000 बांटना बताया गया है यानी कि करीब 10,000 गायब था इसकी कीमत करीब 620000000 बताई गई है।