मध्यप्रदेश के बिजली बिल उपभोक्ताओं को झटका, डेढ़ लाख उपभोक्ताओं को भरना पड़ेगा 2 महीने का बिल

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। इंदौर में जब से कागजी बिल बांटना शुरू किया गया है तब से बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी भी बढ़ गई है। डेढ़ लाख उपभोक्ताओं की परेशानी इससे बढ़ती नजर आ रही है। इस महीने अधिकांश जून में सितंबर की बिजली खपत के बिल मोबाइल संदेश के रूप में भेजे गए, लेकिन कुछ ऐसे इलाके थे जहां पर कागजी बिल बांटना पड़े और जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है उन्हें बिल की जानकारी भी नहीं मिली। इनमें डेढ़ लाख से अधिक उपभोक्ता ऐसे हैं जिनके मोबाइल नंबर भी रजिस्टर नहीं है। इस कारण इन्हें अब लेट फीस के साथ 2 महीने का बिल भरना पड़ेगा।

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24 से 30 तारीख के बीच बांटे जाते हैं बिल

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में जब से कागजी बिल बंद करने की शुरुआत की गई है। बिजली उपभोक्ताओं की समस्या भी बढ़ गई है। बिजली कंपनी शहर के सभी 30 जोन कार्यालय पर एक—एक प्रिंटर की व्यवस्था कर रही है। उम्र दराज उपभोक्ता जो ई—बिल देखने समझने में सक्षम नहीं है उन्हें मांगने पर कागजी बिल दिया जाएगा। सितंबर में 24 से 30 तारीख के बीच बिल बांटे जाते हैं, लेकिन इस महीने कागज में बिल घर नहीं पहुंचे, बल्कि मोबाइल पर यह बिल भेजे गए हैं जिन्हें पहले भी नियमित रूप से ई—बिल मिल रहा था उन्होंने तो बिल ऑनलाइन जमा कर दिया, लेकिन पहली बार मोबाइल पर बिल आया उन्हें पता ही नहीं चला कि कंपनी ने बिल जनरेट कर भेजा है।

हर महीने 90 करोड़ की होती है बिलिंग

हर महीने करीब 90 करोड़ की बिलिंग होती है बिजली कंपनी ने अक्टूबर से पेपरलेस व्यवस्था की घोषणा कर दी थी जिनके मोबाइल नंबर का पंजीयन नहीं है। उन्हें बिल की सूचना तक नहीं मिली है। ऐसे में उपभोक्ताओं को 2 महीने का बिल लेट फीस के साथ भरना पड़ेगा।

गौरतलब है कि स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी की जा रही है। वहीं घर-घर कागज के बिल कर्मचारी लेकर पहुंचते थे और मीटर चेक करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बिजली बिल उपभोक्ताओं को सीधे स्मार्टफोन पर बिजली बिल भरने का मैसेज आएगा उसके आधार पर वह बिल भर सकता है, लेकिन जिनके पास स्मार्टफोन है और जो पढ़े लिखे लोग हैं वहां बिजली बिल आराम से भर पाएगा, लेकिन जिन लोगों को इसकी समझ नहीं है उन लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इसके लिए भी बिजली विभाग बीच का रास्ता निकाल रहा है जिससे इन उपभोक्ताओं को परेशानियों से बचाया जा सके।

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