मध्यप्रदेश में अब नहीं चलेगी डॉक्टरों की मनमानी, इस पर अब ब्रेक लगाने के लिए उठाया ये कदम
मध्यप्रदेश में डॉक्टरों की मनमानी के कई मामले सामने आ चुके हैं। इन पर ब्रेक लगाने के लिए शिवराज सरकार के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया ।और नए निर्देश जारी कर दिए है। जिसके अनुसार एक डॉक्टर सिर्फ अपने नाम पर एक ही अस्पताल चला सकेगा। वहीं रेजिडेंट के तौर पर पंजीकृत डॉक्टर बतौर कंसलटेंट सिर्फ तीन अस्पतालों में जाकर ही इलाज और सर्जरी कर पाएगा। इसके लिए अब स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निर्देश जारी कर दिए गए हैं जिसका पालन करना होगा।
इस नियम के तहत जारी किए निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने मध्यप्रदेश उपचर्याग्रह और रूजोपचार संबंधी स्थापना के नियम 1997 में कुछ बदलाव कर दिए गए हैं। जिसके तहत अब दोबारा नहीं की जा सकती है, क्योंकि एक डॉक्टर अपने नाम पर कई अस्पताल संचालित कर रहे है । जिसके बाद इन पर लगाम लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी की है जिससे अब अपने नाम पर दूसरा हॉस्पिटल नहीं खोल सकता है। ऐसा करता पाया जाता है तो उनकी जानकारी मिल जाएगी।
नगर निगम कमिश्नर ने लिखा सीएमएचओ को पत्र
इसके साथ ही इस नए नियम में जानकारी दी गई है कि अब राजधानी भोपाल नगर निगम में आवासीय प्लांट पर चल रहे नर्सिंग होम अधिकृत क्लीनिक के लाइसेंस बगैर नगर निगम की एनओसी के लिए नियुक्त नहीं किए जा सकेंगे ।इस मामले को लेकर नगर निगम कमिश्नर बीएस चौधरी ने सीएमएचओ को पत्र लिख दिया है। इसको लेकर भोपाल नगर निगम ने कई बार आवासीय प्लांट पर चल रहे नर्सिंग होम या क्लीनिक के लैंड यूज़ बदलने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक इस पर किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है और अस्पताल संचालकों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। ऐसे में अब नगर निगम ने सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है।
बहरहाल स्वास्थ्य विभाग के द्वारा उठाए गए सख्त कदम के बाद डॉक्टर अपने नाम पर एक से अधिक हॉस्पिटल संचालित नहीं कर पाएंगे। जिससे अस्पतालों में हो रही लापरवाही और कई तरह के मामले सामने आते हैं, इस पर भी लगाम लगेगी। वहीं कई अस्पतालों में मरीज के परिजनों से पैसों की लूटमार भी सामने आती है इस पर भी लगाम लग सकती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जो निर्देश जारी किए गए हैं वहां काफी कारगर साबित हो सकता है।