मध्यप्रदेश में बजा नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल, जानें कब और कितने चरणों में संपन्न होंगे चुनाव कब आयेंगे परिणाम

मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद बुधवार को नगरी निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है जिसमें पहला चरण 6 जुलाई और दूसरा चरण का मतदान 13 जुलाई को होगा। पहला चरण के नतीजे 17 जुलाई और दूसरे चरण के नतीजे 18 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में नगरी निकाय चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही आचार संहिता भी लागू हो गई है। इसके तहत अगर किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी सामने आती है तो आचार संहिता का उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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मध्यप्रदेश में बनाए 19 हजार से अधिक मतदान केंद्र

मध्यप्रदेश में नगरी निकाय और पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद ही आचार संहिता लागू कर दी गई है। जिसके तहत सभी पुलिस विभाग को अलर्ट मोड में रख दिया गया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने नगरी निकाय चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 347 निकायों में चुनाव होना है। दो चरणों में इस बार चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। जिसमें पहले चरण में 133 और दूसरे चरण में 214 निकायों पर चुनाव आयोजित होंगे। मध्य प्रदेश में 19977 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। जिनमें 86935 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

जानें चुनाव से जुड़ी खास बातें

बता दें कि इस बार पंचायत चुनाव मतपत्र के द्वारा कराए जाएंगे तो वहीं नगरी चुनाव मैं मतदान एबीएम के द्वारा कराए जाएंगे। मतदान का समय सुबह 7:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक रखा जाएगा ।चुनाव के लिए नाम वापसी की तारीख 12 जून को रखी गई है। 18 जून नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने के लिए हैं 11 जून को निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन होगा। इंदौर और राजधानी भोपाल में हर वार्ड में 55 भीम रिजर्व रखेंगे। इसके अलावा चुनाव में नोटा का विकल्प भी रखा जाएगा। अगर किसी को इन तीनों में से वोट नहीं करना है तो नोटा का ऑप्शन चुनकर वहां मतदान कर सकता है। इसके साथ ही निर्वाचन के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट की नियुक्तियां भी की जाएगी।

जनता करेगी महापौर का चुनाव

एक खास और बात बता दें कि इस बार आम जनता के द्वारा अपने शहर के महापौर का चुनाव किया जाएगा। वहीं नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष को पार्षद द्वारा चुना जाएगा। इसके अलावा झूठा शपथ पत्र देने पर केस दर्ज भी होगा। इसके अलावा सभा और रैलियां करने के लिए भी अनुमति लेना पड़ेगी।

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इस बार सभी नगरीय निकायों में ओबीसी आरक्षण भी बढ़ा दिया गया है। जिसमें नगर निगम में ओबीसी आरक्षण 25% और नगर परिषद में 24.16 प्रतिशत रहेगा। वहीं नगरी निकायों में 99 नगर पालिकाओं में ओबीसी का आरक्षण 25 से बढ़कर 28% हो गया है। 2015 की बात करें तो नगर पालिकाओं में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटें 25 थी जिसको अब बढ़ाकर 28 कर दिया गया है। इसको लेकर मंगलवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए आरक्षण की प्रक्रिया हुई थी जिसमें 52 सीट में 4 सीट की ओबीसी आरक्षण के लिए रिजर्व हुई है ।बहरहाल चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद ही सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में लग चुकी है। इसके साथ ही आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड़ में आ गया है।