स्वच्छ शहर इंदौर के नौलखा बस स्टैंड की हालत बे-हाल, सुविधाओं से मोहताज यात्रियों से लेकर दुकानदार और बस स्टाफ

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर स्वच्छता में 5 बार पंच लगा चुका है। अब छक्का लगाने की तैयारी में है। इंदौर एजुकेशन मेडिकल और आईटी सेक्टर में नई उड़ान भर रहा है। इतना ही नहीं आवागमन में अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी तक हो गई, लेकिन इंदौर के बस स्टैंड की बात करें तो आज भी हालत जस के तस बनी हुई है। हम बात कर रहे हैं। इंदौर के नौलखा बस स्टैंड की आज भी यहां पर रखने पर गांव की याद आ जाती है। 33 साल में भी बस स्टैंड की जमीन पर विकास के पंख नहीं लग पाए हैं ।बारिश में यहां की हालत जस की तस बन जाती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10.11 साल पहले बस स्टैंड का दौरा किया था तब भी हालत ऐसे ही बने हुए थे।

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नवलखा बस स्टैंड पर हो रहे बढ़-बढ़े गड्ढे

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर स्वच्छता में पंच लगा चुका है। छक्का लगाने की तैयारी में है। इंदौर शहर में आवागमन में अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी तक हो गई है। आईटी सेक्टर, मेडिकल, एजुकेशन से लेकर हर क्षेत्र में उड़ान भरने को तैयार है, लेकिन इंदौर शहर के बस स्टैंड नौलखा की बात करें तो यहां पर हालत जस के तस बने हुए है। नवलखा बस स्टैंड में बड़े बड़े गड्ढे बन गए हैं, जहां पर पानी भरा हुआ रहता है। नौलखा बस स्टैंड पर जब भी यात्री जाते हैं तो उन्हें गड्ढों में भरे पानी से निकल कर जाना पड़ता है। आलम यह है कि अभी तक इस बस स्टैंड की हालत को सुधारने की तरफ किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया है।

1989 में बना था नौलखा बस स्टैंड

बताया जाता है कि नौलखा बस स्टैंड 1989 में बनकर तैयार हुआ था। इस बस स्टैंड को शिफ्ट किए जाने को लेकर कई बार मुद्दा भी उठा है। सियासत के दौरान तीन इमली पर बसों का संचालन किया गया, लेकिन इसके बाद फिर से यहीं पर शिफ्टिंग कर दी गई। हाल ही में शहर में हुई तेज बारिश की वजह से नौलखा बस स्टैंड की व्यवस्थाओं की कलाई खुलकर सामने आई है। नौलखा बस स्टैंड पर देखे तो कच्चे परिसर में गड्ढों में तब्दील हो गई है। परिसर में पैदल चलने लायक नहीं बचा है। बस स्टैंड का रखरखाव नगर निगम के जेल में है, लेकिन इसके बाद भी बस स्टैंड की सूरत अब तक नहीं बदली है जबकि इस बस स्टैंड से 350 से अधिक बसों का हर दिन आवागमन होता है, लेकिन अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

10 साल पहले नौलखा बस स्टैंड का किया था दौरा

नौलखा बस स्टैंड का 10 साल पहले 9 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने अपने सपनों के शहर के इस बस स्टैंड को देखकर टिप्पणी तक कर कहा था कि लगता नहीं कि यहां बस स्टैंड इंदौर का है। यह बस स्टैंड गांव की तरह लग रहा है ।इस दौरान अफसरों की फौज उनके साथ खड़ी थी। स्टैंड का विकास किए जाने के निर्देश भी उन्होंने दिए थे, लेकिन आज तक जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दौरे के बाद भी इस बस स्टैंड की हालत नहीं बदली है।

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इन जिलों के लिए संचालित होती है बसें

बता दें कि नौलखा बस स्टैंड इंदौर स बैतूल, नागपुर रूट की बसों के साथ ही होशंगाबाद, हरदा, रहटी, इटारसी, नसरुल्लागंज, नेमावर, खातेगांव, कन्नौद, चापड़ा, हाटपिपलिया, बागली, उदयनगर, पिपरी, पुंजापुरा के साथ ही अन्य राज्यों से आने वाली निजी ट्रैवल्स की बस से भी संचालित होती है।