बैल की मौत के बाद किसान ने कराया मुंडल, मृत्युभोज में 4 हजार ग्रामीण हुए शामिल

महामारी के दौर में देश के ऐसे कई शांतिवन हैं जहां आज भी कई लोगों की अस्थियां मोक्ष प्राप्ति के लिए अपनों का इंतजार कर रही हैं। नुक्ता की बात तो दूर कई लोगों को विधि-विधान से दाह संस्कार तक नसीब नहीं हुआ। ऐसे दौर में एक किसान का अपने बैलों के प्रति प्रेम पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां किसान ने न सिर्फ अपने बैल का अंतिम संस्कार किया बल्कि नुक्ता कार्यक्रम आयोजित कर पूरे गांव को आमंत्रित कर मिसाल कायम की।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह पूरा मामला शाजापुर जिले के गुलाना का है, जहां एक किसान ने अपने बैल की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार ​मनुष्य की तरह ही किया है।

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बताया जा रहा है कि किसान ने अपने बैल की मौत के बाद उसकी धूमधाम से शव यात्रा निकाली और उसके बाद उसका दाह संस्कार किया गया। इतना ही किसान ने बैल के दाह संस्कार के बाद मुंडन कराया और पूरे गांव में मृत्युभोज कराया है।

मृत्युभोज में 4 हजार ग्रामीण हुए शामिल

मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में मानवता की अनूठी मिसाल सामने आई है। यहां गुलाना में एक बैल की मौत पर पूरा गांव दुखी हुआ है। इतना ही नहीं हिंदू मान्यता के अनुसार बैंड बाजे के साथ बैल का अंतिम यात्रा निकाल उसका अंतिम संस्कार किया गया और किसी इंसान की मौत के बाद उसकी शांति के लिए निभाई जाने वाली परम्परा बैल की मौत पर की गई। बैल के दसवें पर अस्थियां विसर्जित कर किसान ने मुंडन कराया और मृत्यु भोज भी करवाया। इस मृत्युभोज के कार्यक्रम में करीब 4 हजार ग्रामीण शामिल हुए और भोजन किया।

बहरहाल बैल की मौत के बाद किसान द्वारा उसका हिंदू रिति रिवाजों के अनुसार दाह संस्कार और फिर मृत्युभोज का कार्यक्रम कराने वाला वाक्या शाजापुर जिले के गुलाना ही नहीं ​बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में कोतुहल का विषय बना हुआ है। किसान की इस तरह मानवता की मिसाल पेश करने का वाक्या पर उनके सगे संबंधी भी बधाई दे रहे है।

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