इस शख्स ने बनाए ऐसे कप और प्लेट, जिसे यूज कर फेंकते नहीं बल्कि खा जाते है लोग, जानकर रह जायेंगे हैरान

आमतौर पर शादी समारोह या भंडारे में जब हम कहीं जाते हैं तो हमें थर्माकोल प्लास्टिक से बने गिलास में पानी और बर्तनों में खाना दिया जाता है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि इनसे पर्यावरण को कितना नुकसान होता है, लेकिन इसके बावजूद भी इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। सरकार प्लास्टिक बैन के लिए कई तरह के अभियान चला रही है। इसके बावजूद भी इस पर लगाम नहीं लगा रही है। ऐसे में अब हम आपको हमारे आर्टिकल के द्वारा एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जिसे देखकर आप काफी हैरान रह जाएंगे। दरअसल हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शख्स की जिसने चाय पीने के लिए डिस्पोजल तो बनाया लेकिन उसे फेक नहीं सकते, बल्कि खा भी सकते हैं। वहीे नाश्ता करने के लिए भी इसी तरह की प्लेट बनाई है जिसे नाश्ता खाने के बाद प्लेट को भी खाया जा सकता है।

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ऐसे की इस शख्स ने इसकी शुरूआत

यह सुनकर आपको जरूर आश्चर्य होगा, लेकिन यह सौ टका सच है। आटा वेयर कटलरी स्टार्टअप कि जिनके द्वारा आटे और गुड़ से बर्तनों को बनाया जाता है। जिसका उपयोग आप चाय पीने से लेकर खाने तक में कर सकते हैं। इसके बाद इन बर्तनों को फेंका नहीं जा सकता बल्कि आप इसे खा भी सकते हैं। ऐसा प्रयास करने से ना पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा, बल्कि आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा ।वर्तमान में देखा जाता है कि प्रतिवर्ष कई जीव जंतु मौजूद है और हमारे द्वारा खाए गए जिन प्लेट और डिस्पोजल को हम कहते हैं। उन्हें इन जीव जंतु के द्वारा खा लिया जाता है। जिसके बाद उन्हें काफी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में अब इस स्टार्टअप की शुरुआत की गई है जोकि काफी सराहनीय है।

दरअसल पुनीत दत्ता ने आटावेयर स्टार्टअप की शुरुआत की है। उनका कहना है कि उन्हें यह आइडिया दिल्ली से वृंदावन की ओर आते समय रास्ते में आया जब उन्हें यमुना में कुछ प्लास्टिक के गिलास और बेस्ट चीजें तैरती हुई दिखाई दी। इसके बाद उन्होंने इन चीज को जाकर देखा तो वहां पर थर्माकोल की चीजें तैरती हुई नजर आई। इसके बाद ही उन्होंने ठान लिया की इन चीजों से नदी दूषित होती है और इसी दूषित पानी को लोगों के द्वारा किया जाता है। जिससे जीव जंतुओं में बीमारी फैलने के साथ ही मनुष्य तक पहुंच जाती है और ऐसे में उनकी जान को खतरा हो जाता है। ऐसे में उन्होंने इस स्टार्टअप को शुरू किया है।

इस व्यक्ति से प्रभावित हुए पुनीत

दरअसल लंबी-लंबी लाइनों में कुछ लोग बैठकर खाना खा रहे थे, लेकिन जब एक व्यक्ति को डिस्पोजल प्लेट नहीं मिली तो उसने पूरी को ही अपनी प्लेट बनाकर उसमें सब्जी ली और खाने लगा। इसको देख कर पुनीत पहले तो हैरान रह गया, लेकिन काफी प्रभावित भी हुआ। इसके बाद उन्होंने आटावेयर कटलरी की शुरुआत की और बर्तन बनाने लगे। इसके लिए उन्होंने कई तरह की खोजबीन की और फिर यह कटलरी बनाई है। 15 अगस्त 2019 को कटलरी रजिस्टर्ड हुई उनकी कटलरी का पूरा नाम आटावेयर बायोडिग्रेडेबल प्राइवेट लिमिटेड है।

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चाय का कप बनाकर की शुरुआत

पुनीत ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले चाय का कब बना कर इसकी शुरुआत की थी। जिसे चाय पीने के बाद आसानी से खाया भी जा सके। पुनीत ने इन खाने योग्य बनाए गए चाय के कप और प्लेट को गुड़, गेहूं और मक्का, बाजरा, ज्वार समेत कई अनाजों को मिक्स कर बनाया है। और आज उनका यह स्टेटस काफी ऊपर पहुंच चुका है। हालांकि लॉकडाउन के समय उन्हें काफी परेशान होना पड़ा था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने काम जारी रखा।

जानिए कितना कमाते हैं पुनीत

पुनीत हर हफ्ते अपने इस बिजनेस से करीब 950000 कप बेचते हैं। वहीं आगामी समय में दूसरे आईडिया को लेकर भी काम कर रहे हैं। ऑटोवेयर कटलरी ने 2021 में 9 नए फ्लेवर केक अब भी बनाए हैं। अब तक इस कंपनी ने शॉप तुलसी, स्ट्रॉबेरी, काफी और साथ ही बनेला फ्लेवर, इलायची के रामल अदरक समेत कई फ्लेवर के कब बनाए हैं और यह कंपनी अब चर्चा का विषय बनी हुई है। इस स्टार्टअप की शुरुआत से उन्होंने करीब 3500000 लीटर से अधिक पानी की बचत कर दी है। इसके साथ ही अब उनके पास जो कर्मचारी है जिसमें 50 से अधिक कर्मचारी को रोजगार भी देते हैं।