गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाया कदम, गाय के दूध से तैयार की अनोखी बिस्किट

इस समय युवा पढ़ लिख तो लेते हैं, लेकिन सरकारी नौकरी मिल पाना काफी मुश्किल है। ऐसे में सरकार भी युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई प्रयास कर रही है। इसके साथ ही कई युवा आज सरकार के द्वारा उठाए गए आत्मनिर्भर बनाने वाले कदम की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में कई युवा खेती को लाभ का धंधा बना रहे हैं। इसके साथ ही कई ऐसे युवा हैं जो पढ़ाई छोड़ कर ऐसा बिजनेस कर रहे हैं जिसमें अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं। इसी बीच हम आपको हरियाणा के दानवीर कर्ण के नगर करनाल में गौशाला कमेटी और सामाजिक संस्थाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने गोधन सेवा की और अपना रुख बदलते हुए बहुत से पदार्थों का उत्पादन शुरू कर लिया है।

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गौशाला में गाय के दूध से बना रहे बिस्कट

दरअसल वर्तमान में देखा जाता है कि कई लोग सरकारी नौकरी के लिए भटक रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती है। ऐसे युवाओं के लिए सरकार कई तरह के कदम उठाती हैं अब हम हरियाणा के एक ऐसी गौशाला के बारे में बता रहे हैं, जहां की कमेटी ने गौधन सेवा के साथ ही धीरे-धीरे गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है। यह गौशाला राधा कृष्ण गौशाला है जिसमें गायों को पालकर उसके दूध से बिस्किट, अर्क और रस्क बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा इस गौशाला में शुद्ध फिनायल भी बनाया जा रहा है।

बन रहे प्रोडक्ट की बड़ी है डिमांड

बता दें कि राधा कृष्ण गौशाला में बनाए जा रहे इस प्रोडक्ट की मांग अब धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं। इनका प्रोड्क्शन बहुत तेजी से काम कर रहा है। हरियाणा के करनाल शहर के पास स्थित इस गौशाला का संचालन कृष्ण कुमार तनेजा के द्वारा किया जा रहा है। वहीं इसमें समाजसेवी हरमीत सिंह हैप्पी समेत कई लोग उनका साथ दे रहे हैं। वहीं इसके बारे में कृष्ण लाल तनेजा ने बताया कि इस गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य तो बाद में पहला इनका परम धर्म गोसेवा है। इसके लिए गायों की सेवा की जा रही है। इस गौशाला में 1000 से अधिक गायों को पाल रखा है।

गाय के गोबर से गैस और मूत्र से फिनाइल

बता दें कि इस गौशाला में गाय के दूध से बिस्किट और रस्क बनाए जा रहे हैं। इसकी मांग काफी बढ़ गई है। इसके अलावा गोमूत्र से गोअर्क और फिनाइल बनाया जा रहा है। इसके लिए यहां पर आधुनिक मशीन और तकनीक की आवश्यकता पड़ती है। गौशाला में फिनाइल बनाया जा रहा है। इन सभी की डिमांड शुद्धता की वजह से काफी बढ़ गई है। वहीं अब कमेटी के द्वारा इनके प्रोडक्शन पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही गाय के गोबर को उपयोग में लेकर गोबर गैस बनाई जा रही है। यहां पर गोबर को गौशाला में ट्राली में एकत्रित कर कुंजपुरा के गोबर गैस प्लांट में भेज दिया जाता है जहां पर गोबर गैस बनाई जाती है।

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