मध्यप्रदेश में लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई, 2 CMO और पंचायत सचिव निलंबित, रोजगार सहायक बर्खास्त
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी बीच एक तरफ अशोकनगर कलेक्टर ने एक पंचायत सचिव को तो वहीं दूसरी तरफ नगरी प्रशासन एवं विकास आयुक्त ने दोनों के नगर पालिकाओं के अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस मामले में कलेक्टर ने एक अब रजिस्टर प्रधान को पद से निलंबित कर दिया तो वहीं रोजगार सहायक की सेवा भी समाप्त कर दी गई है।
दरअसल मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है ।शिवराज सरकार के आदेश के बाद एक बार फिर अशोकनगर में कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई की है। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने स्वच्छ सर्वेक्षण के मानदंडों के अनुरूप तैयारी नहीं करने पर दो मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। वहीं बैतूल जिले के आठनेर नगर परिषद के दिनेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। हालांकि इन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता दी गई है तो वहीं पन्ना जिले के अमानगंज नगर परिषद के श्यामसुंदर तिवारी को भी निलंबित किया गया।
कलेक्टर ने 2 अधिकारियों को किया निलंबित
वहीं दूसरी कार्रवाई अशोकनगर जिले में हुई जहां कलेक्टर और उमा माहेश्वरी द्वारा ग्राम पंचायत के तत्कालीन सचिव को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही कलेक्टर ने उनके विभागीय जांच के आदेश दिए। वहीं ग्राम पंचायत मठ खेड़ा के ग्राम रोजगार सहायक फिरोज खान को विद्यालय में लापरवाही बरतने के मामले में तत्काल प्रभाव से उनकी सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं प्रधान बन्नो भी पत्नी मुस्लिम खान को शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने और राशि का हरण करने के मामले में पद से हटा दिया गया है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के आदेश के बाद लगातार भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। बीते दिनों भी कई जिलों में पटवारियों से लेकर कई अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है तो वहीं कई अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ जांच की जा रही है। ऐसे में देखना यह होगा कि आखिरकार और कब तक शिवराज सरकार और कितने अधिकारियों की सेवा समाप्त करती है।