पति गुजरे तो दो बच्चो की परवरिश ने बनाया कुली, बिल्ला न.321 बना ग्वालियर की किरण कुशवाह की पहचान
Kiran Kushwah Gwalior Coolie: रेलवे स्टेशन पर आपने कुली के रूप में पुरुषों को काम करते हुए देखा होगा लेकिन क्या कभी महिला को गोली का काम करते हुए देखा है? मध्य प्रदेश के ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर अगर आपने कुली के लिए आवाज लगाई तो संभवतः एक महिला आपको कुली के कपड़ों में नजर आ सकती हैं। पुरुषों के वर्चस्व वाले कुली के काम को बखूबी पूरा करने वाली यह महिला किरण कुशवाहा है। उन्होंने समाज की इस सोच को बदला है जिसमें पुरुषों के मुकाबले महिला को कमजोर समझा जाता था।
मध्यप्रदेश का यह दूसरा रेलवे स्टेशन है जहां पर महिला कुली कार्य करती है इससे पहले झांसी रेलवे मंडल में झांसी स्टेशन पर महिला कुली है। अपनी बाजू पर बिल्ला नंबर 321 लगाएं किरण कुशवाहा पिछले 3 महीनों से पूरी उर्जा और स्फूर्ति के साथ अपने काम को बखूबी पूरा कर रही है। किरण कुशवाहा की पहचान उनके नाम से ना होते हुए उनके काम से ज्यादा है।
पति का हो गया निधन
किरण कुशवाहा ग्वालियर के सेवा नगर के रामतापुरा के रहवासी है और उनके पति रिंकू कुशवाहा भी कुली ही थे। उनके पति का देहावसान बीमारी की वजह से 16 अप्रैल को हो गया था फिर किरण ने ही अपने परिवार की जिम्मेदारी को संभाला है। किरण के सामने दो बच्चों को बड़ा करने और घर को चलाने की जिम्मेदारी थी जिसके लिए उन्हें किसी के सामने हाथ फैलाना उचित नहीं लगा। कम पढ़ी लिखी होने के कारण किरण को अपने पति का काम दोबारा शुरू करना ही उचित लगा।
किरण कुशवाहा से जब अपने काम को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि परिवार की जिम्मेदारियों के बोझ के सामने उन्हें यात्रियों का वजन उठाना हल्का लगता है। किरण दोपहर 12:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर कार्य करती है। अक्सर यात्रीगण एक महिला कोली को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं और पूछते हैं कि क्या आप यह सामान उठा पाएंगे। किरण कुशवाहा भी मुस्कुरा कर उन्हें जवाब देती है कि आप देखते जाइए किस तरह आपका सामान सुरक्षित पहुंचा देती हो। आज कई लोग किरण कुशवाहा को बिल्ला नंबर 321 से ही पहचानने लगे हैं।
दूसरे कुली करते है सहयोग
ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पिछले 10 वर्षों से कुली का काम कर रहे धर्मवीर से बात करने पर उन्होंने बताया कि किरण का इस तरह हम लोगों के बीच ही हमारा काम करते हुए देखना अच्छा लगता है। धर्मवीर बताते हैं कि एक महिला को इस तरह से कार्य करते हुए देख दुख भी होता है और खुशी भी मिलती है लेकिन हम लोगों से जितना बन सकता है हम उतना सहयोग करने की कोशिश करते हैं। उन्हें अपना काम करने में किसी तरह की परेशानी ना हो इस तरह का हम सभी लोग पूरा ध्यान रखते हैं।
किरण कुशवाहा भी दूसरे कुली का आभार मानते हैं और कहती है कि सभी को ले उनकी पूरी मदद करते हैं और उन्हें काम के बारे में भी सिखाते रहते हैं। किरण बताती है कि 12:00 से 7:00 तक के बीच में काम करते हुए वह 300 से ₹500 कमा लेती है। किरण का मानना है कि मुझसे जितनी मेहनत हो सकेगी मैं करूंगी ताकि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकूं।