बिना पीयूसी के वाहन चलाने वाले हो जाए सावधान! अब पेट्रोल पंप पर सर्टिफिकेट दिखाए बिना नहीं मिलेगा ईंधन, जानिए सरकार का नया नियम
देश में वायु प्रदूषण की समस्या काफी गहरी हो गई है। वायु प्रदूषण की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार की तरफ से कई तरह के सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर प्रदूषण की समस्या काफी गहरी हो गई है। दिल्ली सरकार ने सख्त कदम उठाने भी शुरू कर दिए है। प्रदूषण लेवल को कम करने के लिए अब एक अभियान छेड़ा है जिसके तहत पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट के बिना सड़क पर दौड़ रहे वाहनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ऐसे में आप बिना पीयूसी वाले वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा इसके लिए तैयारी की जा रही है।
25 अक्टूबर से पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना नहीं मिलेगा ईंधन
दिल्ली सरकार के द्वारा प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए अब बिना पीयूसी वाले वाहनों को इर्ंधन नहीं दिया जाएगा। 25 अक्टूबर से बिना पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल यानी प्रदूषण सर्टिफिकेट के बिना ग्राहकों को पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डीजल नहीं दिया जाएगा। दिल्ली सरकार की तरफ से यह कदम तब उठाया गया है जब प्रदूषण की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली में देखा जाता है कि प्रदूषण की वजह से सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। यहां पर आए दिन प्रदूषण की समस्या और अधिक गहरी होती जा रही है। ऐसे में अब सरकार की तरफ से इस तरह का कदम उठाना एक मजबूरी बन गई है।
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया कदम
दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के पेट्रोल पंपों पर 25 अक्टूबर से पीयूसी के बिना पेट्रोल डीजल नहीं दिया जाएगा। मंत्री ने आगे बताया कि दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने और संशोधित जीआरएपी यह प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए 3 अक्टूबर को 24 घंटे संचालित होने वाले नियंत्रण कक्ष की शुरुआत भी की जाएगी इसका उद्देश्य मुख्य रूप से राजधानी में होने वाले प्रदूषण पर काबू पाया जा सकेगा। दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश को विशेष रूप से गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अब इस तरह के कदम उठाने से वायु प्रदूषण पर लगाम लगेगी।
बता दें कि परिवहन विभाग बिना पीयूसी प्रमाण पत्र वाले वाहन मालिकों को नोटिस भेजकर उनसे वैध प्रमाण पत्र प्राप्त करने अथवा जुर्माना भरने के लिए तैयार रहने को कह रहा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नोटिस भेजने के बाद भी अगर वाहन मालिक 1 सप्ताह में वैध पीयूसी नहीं बन पाता है तो मोबाइल पर 10000 रुपए का चालन भेज दिया जाएगा। वर्चुअल तौर पर इसकी जानकारी अदालत को दी जाएगी। करीब 17 लाख से अधिक वाहनों के पॉलिशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट की वैलिडिटी खत्म हो गई है। अभी तक इन्होंने अपने सर्टिफिकेट को अपडेट नहीं करवाया है। इन वाहनों में 1300000 दोपहिया और 300000 कार शामिल है।