मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बढ़ाए मदद के हाथ, मध्यप्रदेश के 5 लाख से ज्यादा युवाओं को दिया लोन

25 फरवरी यानी शुक्रवार को मध्यप्रदेश में रोजगार दिवस मनाया गया। इस दौरान मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांच लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार के लिए ऋण देने की घोषणा की है। वहीं अगला रोजगार दिवस 29 मार्च 2020 को मनाया जाएगा। दरअसल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार शुरू करने के लिए उन्हें ऋण दे रही है ।इसी बीच हर महीने अब रोजगार दिवस मनाये जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही है।

google news

5 से ज्यादा युवाओं को वितरित किया लोन

दरअसल मध्य प्रदेश में बेरोजगारी काफी बढ़ गई है जिसकी वजह से युवा नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं, लेकिन अब ऐसे युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने तैयारी शुरू कर ली है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल जिले में राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान 5 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराया है। इसके साथ ही उन्होंने हर महीने प्रदेश में रोजगार मेला आयोजित करने की घोषणा की है।

29 मार्च को फिर मनाया जायेगा रोजगार दिवस

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा शुक्रवार को 5 लाख 6 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार के लिए लोन दिलाया है। और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस समय कोरोना खत्म होने को है और अब हर व्यक्ति होली और महाशिवरात्रि अच्छे तरीके से मना सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 29 मार्च को रोजगार दिवस मनाया जाएगा इसमें भी 5 लाख से अधिक लोगों को लोन उपलब्ध कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हम स्वरोजगार के प्रयास कर रहे हैं ताकि युवाओं को लोन देकर वहां दूसरे को रोजगार दे सके। वहीं स्व सहायता समूह की बहनों ने जानकारी में बताया कि एक जिला एक उत्पाद के तहत उन्होंने हल्दी का चयन किया है जिससे पैकिंग कर आपूर्ति कर सकती है। उनके उत्पाद की मांग स्थानीय नहीं बेंगलुरु तक है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरी बहनों की आमदनी प्रति महीने कम से कम 10 हजार से ज्यादा होनी चाहिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने स्व सहायता समूह से जुड़ने के साथ ही रोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की बात कही है।

google news

आपकी जानकारी के लिए बता दें की जनजाति क्षेत्र के निवासियों के लिए वनोंपक्ष पर रोजगार के अवसरों का सृजन कर रहे हैं। गेहूं धान की खरीदी का काम अब स्व सहायता समूह की बहन ही करेंगी। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी और स्व सहायता की बहनों ने सहमति दी तो राशन की दुकान का संचालन भी उनके हाथों में दे दूंगा।