स्वतंत्रता सेनानी माता-पिता का बेटा निकला दानवीर, 50 साल में मेहनत से बनाई 600 करोड़ की संपत्ति कर दी ‘दान’
दुनिया में कई तरह के लोग हैं और दान भी अपनी हैसियत के हिसाब से करते हैं, लेकिन हम अब आपको एक ऐसे दानवीर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने एक नई इबारत लिख दी है। दरअसल यह और कोई नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के एक उद्योगपति हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति का कोई थोड़ा सा हिस्सा नहीं बल्कि पूरी संपत्ति ही दान कर दी है। अब आप सोच रहे होंगे जिस संपत्ति को कमाने में हमारी पूरी जिंदगी लग जाती है। उसे एक झटके में किसी को दान कैसे कर सकते हैं, लेकिन ऐसा शख्स है जिसने अपने जीवन में कमाई सारी संपत्ति दान कर दी है।
50 साल की मेहनत में कमाई संपत्ति की दान
दरअसल हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के एक उद्योगपति डॉ. अरविंद कुमार गोयल की। यह दुनिया के सबसे बड़े दानदाता हैं अब तक लोग पैसे, सोने—चांदी यहां तक की हर तरह की चीज दान करते हैं ।कुछ लोग अपनी संपत्ति में से कुछ हिस्सा दान कर देते हैं, लेकिन अरविंद कुमार गोयल ने तो अपनी पूरी संपत्ति ही दान कर दी है और यह संपत्ति और किसी को नहीं बल्कि गरीब और असहाय के नाम पर दान की है। दरअसल उनके पास करीब 600 करोड़ की संपत्ति है और इस संपत्ति को उन्होंने 50 साल की मेहनत में बनाई है जोकि सिविल लाइंस स्थित अपने घर के पास स्थित है।
महामारी में 50 गांवों को लिया था दान
कहते हैं भारत धर्म प्रधान देश है, लेकिन अब धीरे धीरे दानवीर भी होता जा रहा है। हिंदुस्तान की धरती से कई दानदाता निकले हैं, लेकिन उन्हीं में से एक उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के उद्योगपति डॉ. अरविंद कुमार गोयल है। जिन्होंने अपनी 600 करोड़ रुपए की संपत्ति को सीधे राज्य सरकार के हाथों में सौंप दी है। एक खास बात और बता दें कि राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में 100 से अधिक शिक्षण संस्थान, विद्याश्रम और अस्पताल के ट्रस्टी गोयल ही हैं। महामारी के दौर में लगे लॉकडाउन में उन्होंने लोगों की काफी मदद की है। इस दौरान उन्होंने मुरादाबाद के 50 गांवों को गोद लिया था और यहां के लोगों को मुफ्त खाना और दवा बांटी थी।
पिता के फैसले से परिवार हुआ खुश
डॉक्टर गोयल का कहना है कि उन्होंने इस कदम को अपने परिवार की सहमति से उठाया है। पत्नी रेनू और दो बेटों और एक बेटी ने भी उनके इस फैसले पर खुशी जाहिर की है। बड़े बेटे मदुर गोयल मायानगरी मुंबई में रहते हैं और उनका छोटा बेटा शुभम प्रकाश गोयल उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रहकर पिता के बिजनेस में हाथ बंटा रहे हैं ।वहीं उनकी एक बेटी भी है जिसकी शादी बरेली में कर दी गई है और वहां अपने पति के साथ काफी खुश है।
इस तरह 25 साल पहले आया विचार
दरअसल डॉक्टर गोयल ने अपनी पूरी संपत्ति दान करने को लेकर मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि 25 साल पहले ही उन्होंने इस बात का फैसला कर लिया था। उन्होंने कहा कि में एक यात्रा पर था दिसंबर महीने के ठंड के दिन में जैसे ही ट्रेन में सवार हुआ। मेरे सामने एक शख्स था जिसकी हालत उसकी गरीबी के बारे में बता रही थी। वहां आदमी ठंड से ठिठुर रहा था उसके पास ना चादर ना पैरों में चप्पल और ना तन ढकने के लिए कुछ कपड़े थे। मैंने अपने जूते उतारकर उसे दे दिए ।कुछ देर मैंने सहन किया, लेकिन कड़ाके की ठंड होने की वजह से मेरी हालत खराब होने लग गई थी। इसके बाद उन्होंने यह फैसला किया और गरीबों और बेसहारा उसकी मदद करना शुरू कर दिया। ऐसे में आज अपनी जीवन में कमाई हुई सारी संपत्ति गरीबों के नाम कर दी है।
कई राष्ट्रपति से हो चुके सम्मानित
वहीं गोयल के पिता प्रमोद कुमार वर्मा, मां शकुंतला देवी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे है। उनके दामाद आर्मी में कर्नल और ससुर जज थे ।गरीबों की सहायता करने के लिए डॉक्टर गोयल कोई कई बार सम्मानित किया है। उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल समेत कई राष्ट्रपति उन्हें सम्मानित कर चुके हैं।