सरकार की अनदेखी का किसानों ने दिया मुंहतोड़ जवाब, खुद ही बना डाली 2.5 किलोमीटर की सड़क, जाने पूरी खबर
किसानों की परेशानियों को देखते हुए आज सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाया जा सके इनमें ही मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना का नाम भी शामिल है जिसमें किसानों को अपने खेतों तक सड़क बनवा कर दी जाती है ताकि वह आराम से बारिश के सीजन में भी अपने खेतों तक जा सके और अपने खेतों की जुताई कर सकें।
लेकिन कई बार किसानों के लिए बनाई गई सरकार की योजना किसानों के काम ही नहीं आती है। इसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में विदिशा जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर पर बसे ग्राम पंचायत गोबरहेला से सामने आया है। जहां के किसान अपने खेतों तक जाने के लिए सरकार और गांव के सरपंच से निरंतर गुहार लगाई लेकिन दोनों ने ही किसानों की बातों को नकार दिया।
बता दें कि जब किसानों की बात सुनने वाला कोई नहीं रहा तो उन्होंने खुद ही इस कार्य को करने का मन बना लिया और अपने खेत तक जाने के लिए संपन्न किसानों ने मिलकर पैसे इकट्ठा किया और तकरीबन ढाई किलोमीटर का रास्ता गिट्टी और मिट्टी के सहायता से बना दिया। आज इस रास्ते का उपयोग करते हुए कई के साथ आसानी से बारिश के मौसम में भी अपने खेतों में जा सकते हैं।
कई आवेदन दिए नहीं हुई सुनवाई
इस सड़क बनाने को लेकर ग्राम पंचायत गोबरहेला के किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले काफी सालों से लगातार सरकार के आगे अपने खेतों तक जाने वाले रोड के लिए आवेदन देते आ रहे हैं लेकिन पंचायत से लेकर सरपंच और सरकार किसी ने भी उनकी नहीं सुनी उन्होंने बताया कि बारिश के सीजन में उनको फोटो तक जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
किसानों ने बताया कि कई बार तो ऐसा भी हुआ के बारिश ज्यादा होने की वजह से वे अपनी बोनी तक नहीं कर पाए। ऐसा ना होना नहीं मिलकर तकरीबन डेढ़ लाख रुपए कट्टा किया और मिट्टी और मिट्टी की सहायता से रोड बना दिया उन्होंने बताया कि अब इस रोड की सहायता से जो बारिश में आराम से अपने खेतों तक जा सकते हैं और इस रोड के बनने के बाद अब तकरीबन 50 से ज्यादा किसान अपने खेतों से जुड़ गए हैं।
मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना के तहत रोड बनवाने के लिए किसान पिछले कई सालों से सरकार के चक्कर काट रहे थे। गांव के ही किसान देवेंद्र ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनकी सड़क इसलिए नहीं बन पाई क्योंकि सरकार का कहना है कि इस योजना को 3 साल पहले ही बंद कर दिया गया था। किसानों ने बताया कि आम सीजन में तो वे जैसे-तैसे खेतों तक पहुंच जाते थे। लेकिन बारिश में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। लेकिन अब जब से रोड बना है उनकी टेंशन खत्म हो चुकी है।