मध्यप्रदेश में मेंढक बना दूल्हा और दूल्हन बनी मेंढकी, ग्रामीणों ने शिव मंदिर में धूमधाम से कराई शादी, ये है वजह

इस समय देशभर के कई राज्यों में झमाझम बारिश हो रही है तो कई राज्यों में हालात सूखे पड़े हैं। ऐसे में अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो प्रदेश में झमाझम बारिश हो रही है, लेकिन अभी भी ऐसे कई जिले हैं जहां पर मानसून की पहली बारिश ही नहीं हुई है और कहीं पर आलम यह भी है कि बारिश की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। लेकिन छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले की बात करें तो यहां पर मानसून आने के बाद भी बारिश नहीं होने की वजह से किसान काफी परेशान है। आलम यह है कि बारिश नहीं होने की वजह से किसानों ने अभी तक अपनी बोनी तक नहीं की है। इसकी वजह से अब किसान धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार टोने-टोटके कर रहे हैं।

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ग्रामीणों ने कराया मेंढ़क मेंढ़की का विवाह

दरअसल बारिश नहीं होने की वजह से किसानों के द्वारा कई तरह के टोने टोटके किए जाते हैं। जिससे प्रदेश में अच्छी बारिश हो इसी के चलते अब छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में मेंढ़क मेंढ़की का विवाह शिव मंदिर से धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कराया गया। मान्यता है कि मेंढ़क मेंढ़की का विवाह करवाने से प्रदेश में अच्छी बारिश होती है। इसके अलावा कई तरह के से टोने टोटके किए जाते हैं जिससे अच्छी बारिश होती है, लेकिन जब बारिश की मांग पूरी हो जाती है और आफत बरसाने लगती है। उस समय में मेंढ़क मेंढ़की का तलाक भी कराया जाता है।

2 गांव के लोगों ने ​कराया विवाह

इंद्रदेव को मनाने के लिए ग्रामीणों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ में मेंढ़क मेंढ़की का विवाह कराया। ढोल नगाड़ों के बीच 2 गांव के लोगों ने मिलकर इस शादी कार्यक्रम का आयोजन कराया। पूरे ग्रामीण इसमें बाराती बनकर पूरे रीति-रिवाज के साथ मेंढ़क मेंढ़की की शादी कराई ग।ई पूरा मामला ग्राम पंचायत भेंषकी का है, जहां पर मेंढ़क मेंढ़की की शादी कराई गई ।इस दौरान मेंढक की बारात ग्राम पंचायत देश किसे ढोल नगाड़ा तथा नाच गानों के साथ निकाली गई। इसमें ग्रामीण लोग मेंढक की बारात में बाराती बनकर नाचते कूदते गाते गए। वहीं शिव मंदिर के सामने मेंढ़की के साथ उसकी शादी कराई गई।

मेंढ़क मेंढ़की की शादी में गांव की महिला पुरुष बच्चे बुजुर्ग सभी शामिल हुए। ग्रामीणों ने कहा बारिश नहीं होने की वजह से वहां काफी परेशान थे। ऐसे में उन्होंने इंद्रदेव को खुश करने के लिए अपनी पुरानी परंपराओं को अपनाया ताकि क्षेत्र में अच्छी बारिश हो सके और वहां समय पर बोनी कर सकें। पिछले साल जुलाई अगस्त के महीने में लगातार कई दिनों तक बारिश नहीं हुई जिसके चलते ग्रामीण काफी निराश हो गए थे। रामानुजगंज क्षेत्र के ग्राम पंचायत भवन माल में देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ और हवन भी करवाया गया था। हालांकि मान्यता यह है कि ऐसा करने से इंद्रदेव प्रसन्न हो जाते हैं और झमाझम बारिश होती है।

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