इंदौर की सीमा खत्म कचरे का अंबार शुरू, 5 सालों में 5 किमी दूर भी नहीं पहुंचा सफाई मॉडल, ये लोग होंगे जिम्मेदार

गांधी जी के सपनें को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 2014 में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गई। जिसके बाद से लगातार इस अभियान को चलाया जा रहा है। वहीं देश में स्वच्छता का पंच लगा चुका इंदौर लगातार सफाई में नंबर वन बना हुआ है। इंदौर अब छक्का लगाने की तैयारी में है, लेकिन अगर इंदौर की बात करें तो सफाई मॉडल शहर से 5 किलोमीटर दूर भी नहीं पहुंच पाया है। अगर शहर के बाहर का हिस्सा देखें तो आज भी कचरो का ढेर लगा हुआ है।

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5 किमी दूर नहीं पहुंचा सफाई मॉडल

इंदौर के बाहर उज्जैन रोड पर भौंरासला या फिर देवास रोड पर मांगलिया के पास का हिस्सा कचरों से भरा है। जब भी कोई व्यक्ति शहर में प्रवेश करता तो सबसे पहले उसे गंदगी के दर्शन होते हैं।दरअसल इंदौर ने देश में स्वच्छता का पंच तो लगा दिया है, लेकिन सफाई मॉडल शहर से 5 किमी दूर ही नहीं पहुंच पाया है। यानी कि अगर शहर से 5 किलोमीटर बाहर आप गए तो कचरो का अंबार लगा है।

वहीं जब इस मामले को लेकर दैनिक भास्कर ने नगरीय प्रशासन आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने खुद इस बात को स्वकार किया है। उन्होंने माना है कि शहर के बाहर मार्ग पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। आयुक्त ने कहा कि अब जिलों की स्वच्छता रैंकिंग जारी होगी और कलेक्टर भी इसके लिए जिम्मेदार माने जाएंगे।

5 सालों से बनी शहर की ये हालत

बता दें कि इंदौर अब पंच लगा चुका है, लेकिन इन जगहों पर 5 सालों से इसी तरह के हालात बने है। जिसमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है। इंदौर स्वच्छता में सिरमौर तो बन गया है, लेकिन पड़ोसी ही पिछड़े हुए हैं। सफाई व्यवस्था में बड़ा योगदान आर्थिक स्थिति का भी होता है इससे बढ़ाने के लिए प्रयास जारी। नगरी प्रशासन आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव से बातचीत की गई उन्होंने कहा फिर भी इंदौर संभाग की स्थिति प्रदेश में बेहतर है। लोग कचरा नहीं करें टीम जज्बे से काम करें। इसमें कहां पैसा लगता है। उनका कहना है कि बिहेवियरल चेंज में समय तो लगता ही है।

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बहरहाल शहर को स्वच्छ बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। और अब कुछ दिनों में इंदौर छक्का लगाने की तैयारी में है, लेकिन शहर के बाहर की सीमा अगर देखी जाए तो आज भी यहां पर कचरे का अंबार लगा हुआ है, लेकिन अब इसे भी सुधारने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। नगरी प्रशासन आयुक्त ने कहा कि अब जिलों की स्वच्छता रैंकिंग जारी होगी कलेक्टर भी इसके लिए जिम्मेदार होंगे।