आपका डेटा बेचकर रुपए कमाएगी आईआरसीटीसी!, बना लिया 1 हजार करोड़ का प्लान, टेंडर निकलते ही शेयर हुआ ग्रीन
इस समय देखा जाता है कि लोग शेयर बाजार में काफी रुपया लगा रहे हैं। अगर आप भी शेयर बाजार में इंटरेस्ट रखते हैं तो 19 अगस्त की सुबह आईआरसीटीसी के द्वारा शेयर में 4 परसेंट की तेजी देखी गई है। ऐसे में बीएसई पर शुक्रवार को आईआरसीटीसी का शेयर 712 रुपए के भाव पर खुला था और कुछ ही देर में 746.75 रुपए तक पहुंच गया। आईआरसीटीसी के शेयर में तेजी की वजह से कंपनी का यह नया प्लान आया है।
1000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू प्लान किया पेश
एक रिपोर्ट के अनुसार इंडियन रेलवे की टिकट बुकिंग आर्मी डिजिटल मोनेटाइजेशन के जरिए 1000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू प्लान पेश किया है। आईआरसीटीसी ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया। जिसमें कुछ ऐसी चीजें हैं। जिनको लेकर ग्राहक के मन में प्राइवेसी और सेफ्टी से जुड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन ने इस पर काफी ज्यादा जानकारी भी दी है। उन्होंने कहा आईआरसीटीसी एक कंसलटेंट नियुक्त करेगी जो उन्हें यूजर्स के डाटा को मोनेटाइज करने के तरीकों को सुझाव देगा। आईआरसीटीसी के पास यूजर्स का शो टीवी से अधिक डाटा है। इसमें टिकट बुक करने इसका टिकट है उन सभी के नाम से लेकर नंबर तक तमाम डिटेल मौजूद रहेगी।
क्या सरकार आपका पर्सनल डेटा बेचेगी
ऐसे में कई तरह के सवाल खड़े होने के बाद लोगों को यह भी लग रहा है कि अब सरकार उनकी पर्सनल डिटेल को बेचकर पैसा कमाने की योजना पर काम कर रही है ।अगर आपके मन में भी इसी तरह का सवाल उठ रहा है तो आपको विस्तार से समझाते हैं। कंपनी इस डाटा पर कंट्रोल कभी भी नहीं छोड़ेगी ।आपका डेटा या आईआरसीटीसी के पास मौजूद शो टीवी डाटा कभी बेचा नहीं जाएगा। कम से कम अभी तक मिली जानकारी के अनुसार ऐसा ही है उन्हें सिर्फ एक बार कमाई होगी, बल्कि उनका प्लान इससे आगे का है। कंपनी का इस डेटा का उपयोग समय समय पर पैसे कमाने के लिए किया जाएगा।
दरअसल ट्रेन में यात्रियों के द्वारा खाना ऑर्डर करने के लिए ईकैटरिंग का उपयोग किया जाता है ।अगली बार जब आप यात्रा करें तो आपको कुछ ईकैटरिंग कंपनियों के नोटिफिकेशन आने लग जाएंगे, जहां से अपने लिए खाना ऑर्डर किया जा सकता है। आईआरसीटीसी का इस्तेमाल ट्रेन टिकट बुकिंग करने में अधिकतर किया जाता है। आईआरसीटीसी इस डाटा को किस तरह से उपयोग लेगी यह साफ नहीं है। कंपनी ने बताया कि इस तरह से यूजर्स के एक्सपीरियंस को बेहतर करना चाहते हैं। थर्ड पार्टी से डाटा शेयर करके पैसे भी कमा सकते हैं। वहीं इससे पहले वाहन डेटाबेस को लेकर भी आईएफएफ सरकार को एक पत्र लिख चुकी है। जिसमें इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन को डर है कि ग्राहक के डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।