मध्यप्रदेश रेलवे यात्रियों की होगी बल्ले बल्ले, 750 रेलवे स्टेशनों पर अक्टूबर के अंत तक मिलने लगेंगे स्वदेशी उत्पाद, जानिए क्या होगा लाभ

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत बनाने को लेकर देश के 70 रेलवे स्टेशनों की मदद भी की जा रही है ।इन रेलवे स्टेशनों पर स्वदेशी उत्पाद जैसे चरखे , हाथों से बुने सूती कपड़े, हाथ से बने खिलौने, मिट्टी के बर्तन, हैंडबैग, चित्रकारी, लकड़ी और बांस के सजावटी सामान मिलेंगे। इसको लेकर कई स्टेशनों पर स्टॉल लगाने की तैयारी की जा रही है।

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70 रेलवे स्टेशनों पर लगेंगे स्वेदेशी स्टॉल

भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों की सुविधा के अनुरूप कई तरह के प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी अब रेलवे ने इसमें भागीदारी निभाई है, जल्दी ही देश के 70 रेलवे स्टेशनों पर स्वदेशी उत्पाद के लिए स्टॉल लगाया जाएगा। जिनकी डिजाइन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद ने तय कर दी है। इन स्टेशनों के प्लेटफार्म पर स्टॉल लगाने का काम शुरू हो चुका है। रेलवे स्थानी कामगारों को उनके बनाए उत्पादों की बिक्री के लिए अधिकृत भी कर रहा है।

मप्र के 39 रेलवे स्टेशनों का किया चयन

बता दें कि पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल, जबलपुर, कोटा मंडल के 39 स्टेशनों को चयन किया गया है। भोपाल की रेल मंडल के भोपाल रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, इटारसी ,अशोकनगर, हरदा, बीना ,गुना ,होशंगाबाद, गंजबासौदा,और विदिशा जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर इन प्रायोगिक तौर पर इन उत्पादकों की बिक्री शुरू करने जा रहे हैं। सितंबर के अंत तक सभी 750 रेलवे स्टेशनों पर स्वदेशी उत्पाद की बिक्री शुरू हो जाएगी।

रेलवे स्टेशनों पर मिलेंगे ये स्वदेशी उत्पाद

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अक्टूबर के मध्य में इसका विधिवत शुभारंभ किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है भारत को आत्मनिर्भर बनाया जाए। ऐसे में अब 750 रेलवे स्टेशनों पर स्वदेशी उत्पाद का का शुभारंभ किया जा रहा है। ऐसे में यात्रियों को यहां से चरखे, हाथों से बुने सूती कपड़े, हाथ से बनाए खिलौने, लकड़ी बांस के सजावटी सामान, मिट्टी के बर्तन, हैंडबैग, चित्रकारी व अन्य सामान खरीदने को मिलेंगे। बता दें कि एक मध्य श्रेणी के स्टेशन पर 24 घंटे में 10000 से 25000 यात्री गुजरते हैं। ऐसे में महानगरों के स्टेशनों पर यह संख्या एक से डेढ़ लाख पहुंच जाती है। ऐसे में यहां पर इन उत्पादों की बिक्री धड़ल्ले से होगी।

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इसको लेकर भोपाल रेल मंडल के डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय ने कहा कि मंडल में संबंधित स्टेशन प्रबंधकों को अधिकृत कर दिया है। कामगार उत्पाद तैयार करने वाले व्यक्ति व संस्थाओं से आवेदन मंगवा रहे हैं। आवेदन प्राप्त होने के बाद एक व्यक्ति व संस्था को 15 दिन के लिए स्टॉल आवंटित कर दिए जाएंगे। 1000 रुपये के मामूली शुल्क पर उपलब्ध कराए जाएंगे।