मध्यप्रदेश की इकलौती पंचायत, 60 साल से नहीं हुआ मतदान, जनता चुनती है निर्विरोध सरपंच, अब गिनीज बुक में होगा नाम दर्ज

मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का घमासान शुरू हो चुका है। सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में लग गई है। वहीं प्रत्याशी जोर शोर से चुनाव प्रचार में लगने की तैयारी कर रहे हैं। आज प्रदेशभर की सभी पंचायतों में चुनाव चिन्ह का वितरण हो गया है। वहीं एक-दो दिन में चुनाव प्रचार शुरू हो रहा है। वहीं कई जिले की पंचायतों में निर्विरोध सरपंच चुने जा रहे हैं। इसी बीच अब बुरहानपुर जिले की एक ऐसी पंचायत है, जहां करीब 60 सालों से निर्विरोध सरपंच चुने जा रहे हैं। यानी कि इतने सालों से यहां पर चुनाव नहीं कराए गए हैं। इस को कायम रखते हुए इस बार भी सरपंच का निर्विरोध चुनाव किया गया है।

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इस पंचायत में चुना जाता है निर्विरोध सरपंच

इस समय मध्य प्रदेश के कई जिलों की पंचायतों में निर्विरोध सरपंच चुने जा रहे हैं, लेकिन इसी बीच अब आपको बुरहानपुर जिले की मांजरोद पंचायत के बारे में बता रहे हैं। इस पंचायत में 60 साल से कभी भी चुनाव नहीं कराए गए हैं, बल्कि यहां पर निर्विरोध सरपंच चुने जाते हैं। इस बार सरपंच सहित सभी पदों पर महिलाएं चुनी गई है। निर्विरोध सरपंच चुने जाने पर गांव को 1500000 का इनाम भी मध्यप्रदेश शासन की तरफ से दिया जाता है। इस गांव की लाड़की बाई कृष्ण सरपंच और ललिता बाई विष्णु जगताप उपसरपंच बनी है।

60 सालों से चली आ रही ये प्रक्रिया

बता दें कि इस गांव में एक बैठक आयोजित की जाती है ,जहां पर सर्वसम्मति से सरपंच चुना जाता है। यहां पर पंचायत चुनाव के बाद जब पंचायत में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। तब लोग आपस में बैठकर नामों पर विचार करते हैं और बैठक में मौजूद भीड़ एक शख्स का नाम लेती है। जिसके बाद उसे निर्विरोध सरपंच चुना जाता है। ऐसा करने पर गांव में किसी भी तरह की विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है इस तरह की प्रक्रिया करीब 60 सालों से चली आ रही है।

जल्दी ही गिनीज बुक में नाम होगा दर्ज

बता दें कि शासन की तरफ से निर्विरोध सरपंच चुने जाने पर गांव को 1500000 का इनाम भी दिया जाता है। वहीं अनोखी परंपरा 60 सालों से चली आ रही है। अब इस पंचायत को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में रिकार्ड दर्ज किया जा सकता है। लोगों का कहना है कि 60 सालों से इसी तरह सरपंच चुने जा रहे हैं। पंचायत में आरक्षण कैसा भी हो गांव के लोग का कहना है ग्रामीण विकास विभाग में उनका गांव गरीबी मुक्त गांव भी कहलाएगा। स्कूल, आंगनबाड़ी, पानी सभी सुविधाएं सब कुछ है इस गांव को गिनीज बुक में दर्ज कराने की बात कही जा रही है।

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