मध्यप्रदेश के किसानों के लिए लागू हुई नई व्यवस्था, गेहूं उपार्जन के लिए कराना होगा ये काम

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं पंजीयन की प्रक्रिया में भी सुधार किया है और इसमें नई प्रक्रिया लागू की गई है। जिसका लाभ प्रदेशभर के किसानों को मिलेगा और इसके लिए उन्हें अब पंजीयन कराने के लिए सोसायटियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे बल्कि वहां नजदीकी एमपी ऑनलाइन पर जाकर 50 रुपये शुल्क देकर पंजीयन करा सकता है। वहीं अब उन्हें फसल बेचने के लिए मैसेज नहीं आएगा बल्कि फसल बेचने के लिए उन्हें पहले स्लॉट बुक कराना होगा उसके बाद ही वहां फसल बेच पाएगा।

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मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने समर्थन मूल्य में एक बड़ा अपडेट किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक किसानों की फसलें s.m.s. देकर नियत तिथि पर फसलें खरीदी जाती थी, लेकिन अब इसमें सुधार किया है। दरअसल किसानों को रवि की फसल के लिए समर्थन मूल्य पर गेहूं पंजीयन कराने के लिए सोसा​यटियों के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा, बल्कि अब एमपी ऑनलाइन पर आसानी से 50 रुपये शुल्क देकर पंजीयन करा सकता है। इसको लेकर मध्य प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर नई व्यवस्था की जानकारी उपलब्ध कराई है।

बिचौलियों पर लगेगी लगाम

सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं पंजीयन में जो प्रक्रिया को नई दिशा दी है। इससे अब किसानों को लाभ होगा अभी तक किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए काफी परेशान होना पड़ता था और इसमें किसानों से पैसे रिश्वत के तौर पर लेकर उनकी फसल को बिकवाते थे, लेकिन अब ऐसे बिचौलियों का हाथ कुछ नहीं लगेगा, क्योंकि अब इसमें किसानों को फसल बेचने से पहले स्लॉट बुक कराना होगा उसके बाद ही वहां अपनी फसल को बेच पाएगा।

फसल बेचने के लिए कराना होगा स्लॉट बुक

इस मामले की जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण फैज अहमद किदवई ने कहा उपार्जन केंद्र पर अब फसल बेचने के लिए एसएमएस की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है। किसान s.m.s. पर तिथि के मुताबिक फसल उपार्जन केंद्र पर बेचता था, लेकिन अब उन्हें अपनी फसल बेचने के लिए पहले तिथि और स्लॉट का चयन करना होगा।

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किसान अगर अपना पंजीयन सोसाइटी या उपार्जन केंद्र पर जाकर करवाता है तो निशुल्क किया जाएगा, लेकिन अगर वहां नजदीकी एमपी ऑनलाइन पर जाता है तो 50 रुपये शुल्क देकर आसानी से पंजीयन करवा सकते हैं। वहीं पंजीयन कराने के लिए किसान का आधार नंबर मोबाइल से लिंक होना जरूरी है, क्योंकि उपार्जित फसल की रकम किसानों को खाते में दी जाती है इससे पहले उन्हें s.m.s. भी प्राप्त होता है इसके लिए आधार से मोबाइल वेरीफिकेशन होना जरूरी है।