अब मोबाइल चार्जर की झंझट हो जाएगी खत्म, हवा में चार्ज होंगे स्मार्टफोन, गजब की है ये टेक्नोलॉजी

आधुनिक दौर में टेक्नोलॉजी काफी बढ़ गई है और यहीं कारण है कि इसका इस्तेमाल अब हर व्यक्ति कर रहा है। पहले जहां हर काम को करने में घंटों लग जाते थे, लेकिन टेक्नोलॉजी के युग में यह काम मिनटों में हो जा रहा है। ऐसे में स्मार्टफोन का इस्तेमाल हर व्यक्ति कर रहा है। मोबाइल को चार्ज करने के लिए लोग वायरलेस के अलावा वायर चार्जर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आने वाले दिनों में चार्जिंग के कई तरीके सामने आएंगे। सामान्य चार्जिंग से फास्ट और पार्ट्स अल्ट्रा फास्ट चार्जिंग तक का सफर कर चुकी चार्जिंग टेक्नोलॉजी कहां जाएगी। मार्केट में आपको वायरलेस चार्जिंग भी मिलते हैं लेकिन भविष्य में हो सकता है हमें इसकी जरूरत भी नहीं पड़े।

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इस टेक्नोलॉजी से अब हवा में चार्ज होंगे मोबाइल

दरअसल आने वाले दिनों में ट्रू वायरलेस चार्जर आ जाएगा जिसकी मदद से चार्जिंग एक्सपीरियंस पूरी तरह से बदल जाएगा, जैसे आप ट्रू वायरलेस इयरफोन आज इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी तरह से भविष्य में फोन को भी चार्ज कर सकेंगे। वैसे स्मार्टफोन ब्रांच ने इस टेक्नोलॉजी इंट्रोड्यूस कर दिया है और यह बाजार में भी मौजूद है, लेकिन इतने पॉपुलर नहीं है। हम बात कर रहे हैं एमआई एयर चार्जिंग टेक्नोलॉजी की जो आपके फोन को हवा में आसानी से चार्ज कर सकेगा।

चार्जिंग बॉक्स में 144 एंटीना का इस्तेमाल किया

बता दें कि रेडमी कंपनी के साथ ही अन्य कंपनियों ने साल 2021 की शुरुआत में कहा था। वहां इस तरह की टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है। कंपनी ने इसका डेमो भी दिखाया था। ऐसे में चार्जिंग बॉक्स में 144 एंटीना का इस्तेमाल किया गया था। इसकी मदद से एमएम वेब सिग्नल ट्रांसमिट होता है। यह सिग्नल स्मार्टफोन तक 14 एंटीना की मदद से पहुंचता है जो सिग्नल को ट्रू की पावर में कन्वर्ट करता है। इससे स्मार्टफोन हवा में चार्ज होने लगता है कंपनी ने इसे टेक्नोलॉजी को एम आई एयर चार्जर नाम दिया है।

1901 से इसकी कोशिश की जा रही है

बता दें कि ट्रू वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी को तैयार करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि 1901 से इसकी कोशिश की जा रही है, लेकिन अब जाकर इसे तैयार किया जाएगा। एक्सपेरिमेंट वॉयरलैस पावर ट्रांसमिशन से जुड़ा हुआ था भले ही यह टेक्नोलॉजी बाजार में आ गई हो, लेकिन लोगों ने इसे बहुत ज्यादा पसंद नहीं किया और यह यूजर्स तक अभी तक नहीं पहुंच सका है। हालांकि आगामी समय में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल काफी अधिक किया जाएगा जिससे आपका मोबाइल अब हवा में भी चार्ज होगा।

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