खजराना की तर्ज पर रणजीत हनुमान मंदिर को संवारने का काम शुरू, 85 किलो चांदी से बनाया जा रहा गर्भगृह, देखें तस्वीरें

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर की तर्ज पर अब रंजीत हनुमान मंदिर को संवारने का काम किया जा रहा है। खजराना गणेश मंदिर में चांदी का सिंहासन बनाने के बाद अब रणजीत हनुमान मंदिर के दरबार को रजतमय बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। बता दें कि रणजीत हनुमान का सिंहासन चांदी का बनाया जा रहा है तो वहीं गर्भग्रह का गेट सागवान की लकड़ी से बनाया जाएगा। इसको बनाने का काम शनिवार से शुरू हो गया है। वहीं गेट में चांदी लगाने का काम राजस्थान के चुरू के कारीगर कर रहे हैं। गोपाल मंदिर से निकली सागवान की लकड़ी का उपयोग किया जाता, लेकिन अब नई सागवान की लकड़ी खरीद कर इसमें लगाई जा रही है।

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रणजीत हनुमान मंदिर को संवारने का काम शुरू

इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में भक्त हनुमान के दर्शन करने पहुंचते हैं। वहीं मंगलवार बाबा के दरबार में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है। ऐसे में अब मंदिर को संवारने का काम तेजी से किया जा रहा है। खजराना गणेश मंदिर के बाद अब रंजीत हनुमान मंदिर को संवारने का काम शुरू हो चुका है। इस मंदिर में रंजीत हनुमान का सिंहासन चांदी का बनाया जा रहा है। वहीं गर्भगृह में सागवान की लकड़ी से बना कर उसमें चांदी लगाई जाएगी।

10-12 दिन में गर्भगृह का गेट होगा तैयार

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंदौर शहर के हृदय स्थल राजवाड़ा और गोपाल मंदिर को जिन कारीगरों ने लकड़ी से संवारा था। वहीं कारीगर अब रंजीत हनुमान मंदिर को भी संवारने का काम कर रहे है। यहां पंजाब की टीम कुछ महीनों से इंदौर में काम कर रही है। रणजीत हनुमान मंदिर में 4 कारीगरों की टीम काम कर रही है जो कि सागवान की लकड़ी को काटकर उसे गेट का रूप देने का काम कर रही है। इन कारीगरों के द्वारा 10 से 12 दिन में सागवान की लकड़ी से गेट की फ्रेम तैयार की जाएगी। इसके बाद इसे मंदिर के गर्भगृह पर लगाया जाएगा।

गर्भगृह की दीवारों पर उकेरेंगे रामायण के प्रसंग

इस मामले में रंजीत हनुमान के मुख्य पुजारी दीपेश व्यास की माने तो पहले गर्भगृह के गेट में प्लाई लगी थी, लेकिन अब वहां पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। ऐसे में अब गर्भगृह को संभालने का काम किया जा रहा है। इसमें 15 बाई 15 के इस द्वार पर 85 किलो से अधिक चांदी लगाने के साथ ही इस पर आकर्षक नक्काशी भी की जाएगी। पंडित की मानें तो खजराना गणेश मंदिर की तर्ज पर रंजीत हनुमान भगवान के सिंहासन और जमीन से 3 फीट ऊंचाई तक की दीवारों पर तांबे के सीट पर चांदी लगाने का काम किया जा रहा है जो कि काफी मजबूत होगा।

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वहीं गर्भगृह 10 फीट चौड़ा 10 फीट गहरा और 15 फीट ऊंचा है। इस गर्भ गृह में रामायण के प्रसंग उकेरे रह जाएंगे। इस मंदिर को संवारने के लिए भक्तों के द्वारा 140 किलो चांदी दी गई है। वहीं मंदिर प्रबंधन के पास 185 किलो चांदी मौजूद थी।