मध्यप्रदेश में इस जगह मिनटों में खत्म हो जाता है दर्द, इंदौर से 50 किलोमीटर दूर ये शख्स करते है निशुल्क इलाज

दुनिया में कुछ लोग ऐसे हैं जो छोटी उम्र में ही कमर दर्द, कंधे और घुटने के दर्द से परेशान है। यह लोग अस्पतालों में काफी इलाज करा चुके होते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें आराम नहीं मिलता है। ऐसे लोगों को इस खबर में दी गई जानकारी वरदान साबित हो सकती है। अगर आप भी घुटने ,कंधे या फिर कमर के दर्द से परेशान हैं तो मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से कुछ ही दूरी पर एक गांव है, जहां आप का दर्द एक झटके में गायब हो जाएगा और आप इस दर्द को जिंदगी भर महसूस नहीं कर पाएंगे। यहां लोग अपने दर्द से करहाते हुए पहुंचते हैं, लेकिन जब वापस आते हैं तो चेहरे पर सिर्फ मुस्कुराहट होती है। आइए आपको भी बताते हैं आखिर क्या है जिससे इंसान का दर्द खत्म हो जाता है।

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एक झटके में गायब हो जाता है दर्द

दरअसल जब इंसानों की बीमारियों में दवाई काम नहीं आती है कुछ समय दुआ और हाथों की कला काम आती है। ऐसा ही 1 गांव मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से 50 किलोमीटर दूर नेमावर रोड करनावत के पास स्थित ग्राम बरखेड़ा सोमा है। इस गांव की कहानी दूर-दूर तक विख्यात है। यहां नागर परिवार जोकि एक कबूलेदार कच्चा घर में रहता है, लेकिन इनके काम किसी जड़ी-बूटी से कम नहीं है। यहां लोग अपने पुराने दर्द को लेकर पहुंचते हैं लेकिन जब वापस लौटते हैं तो खुशी खुशी होठों पर मुस्कान होती है।

दूर दराज से पहुंचते है लोग

नागर परिवार में तीन बेटे हैं, लेकिन तीनों के हाथों में कला है। मजले कमल की बात करें इनके हाथों में जो कला है वहां किसी मशीनों से कम नहीं है। इनके पास दर्द से तड़पते लोग पहुंचते हैं और उनके दर्द को यह एक झटके में गायब कर देते हैं। इनके घर में कमर, पीठ, कंधे, गर्दन और घुटने के दर्द से करहाते लोगों की भीड़ लगी रहती है। कहने को गांव छोटा है, लेकिन इस गांव को नाम और ऊंचाई कमल ने दी है।

यहां इंदौर, भोपाल समेत कई जगह से लोग पहुंचते हैं और अपने दर्द का इलाज करवाते हैं। इसके साथ ही उन लोगों को यह मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध करवाते हैं। कमल अपने हाथों से तेल से मालिश करते हैं और 7 दिनों का निशुल्क उपचार देते हैं। वहीं लोगों को मालिश तेल के साथ ही आयुर्वेदिक दवा भी उपलब्ध करवाते हैं। उपचार से पहले बस लोगों को टोकन लेना पड़ता है।

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कमल नागर ने अपने साथ 15 साल की उम्र में घटी उस घटना से रूबरू करवाते हुए बताया कि बचपन में उनके ऊपर बैलगाड़ी पलटने से वहां घायल हो गए थे । इसके बाद उनके परिजन पास ही उपचार के लिए ले गए थे तो उनका दर्द मिनटों में खत्म हो गया। इसके बाद से ही उन्होंने ठान लिया था कि वह भी इस विद्या को सीख कर लोगों की सेवा करेंगे। आज कमल को 30 से 35 साल हो चुके हैं वहां लोगों का निशुल्क इलाज कर रहे हैं और उनके पास जो भी आता है उनका दर्द खत्म हो जाता है।

जानिए इस व्यक्ति का कैसे खत्म हुआ दर्द

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में रहने वाले मनवीर सिंह जोकि कमल से इलाज करवाने पहुंचे थे। उनका कहना है झुकते नहीं बनता था लेकिन उन्हें पता चला कि यहां मिनटों में दर्द खत्म हो जाता है। इसके बाद वहां उनके पास पहुंचे और अपना इलाज करवाया इसके बाद वहां पालती मारकर भी बैठ सकते है । ऐसे ही राजगढ़ जिले के मदन परमार भी कमल नगर के पास पहुंचे है जब वहां 30 दिनों पहले पहुंचे तो उन्हें दिक्कत थी, सर्जरी का सोच रहे थे लेकिन जब वहां यहां पर आए तो दूसरी बार में उनका दर्द खत्म हो गया है।