भारतीय सेना के हाथ होंगे मजबूत, अब ये निजी कंपनी बनाएगी आधुनिक सुविधा से लैस हेलीकॉप्टर, जानें खासियत

भारती सेना के हाथ और मजबूत होने वाले हैं। दरअसल भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अब सरकार की तरफ से कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में अब भारतीय सेना के लिए हेलीकॉप्टर निजी कंपनी भी बनाएगी ।निजी कंपनियों के हेलीकॉप्टर बनाने को लेकर सुरक्षा मंत्रालय ने डीएपी के मैनुअल में परिवर्तन करने का फैसला कर लिया है। जिसके बाद निजी क्षेत्र को बहुसंख्यक रिश्तेदारी के साथ भारतीय रक्षा पीएसयू के साथ सहयोग करने का अवसर भी दिया जाएगा। इसे आवश्यक हथियार प्रणालियों के निर्माण की भी अनुमति मिलेगी। जिससे सैनी हार्डवेयर क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा।

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13 टन होगा आईएमआरएच का वजन

दरअसल एक तरफ भारतीय सेना के हाथ मजबूत करने के लिए कई तरह के हथियार बनाए जा रहे हैं जिससे दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके। ऐसे में भारतीय सेना के काम आने वाले हेलीकॉप्टर को निजी कंपनी भी बना सकेगी ।

सैन्य अधिकारियों की मानें तो इस सहयोग का परीक्षण भारतीय मल्टीरोल हेलीकॉप्टर के विकास और निर्माण में किया जाएगा जो कि भारतीय सेना में शामिल सभी रूसी निर्मित mi17 और mi8 हेलीकॉप्टर की जगह लेंगे। बताया जा रहा है कि आईएमआरएच का वजन 13 टन होगा ।यह हवाई हमले पनडुब्बी रोधी जहाज रोधी सैन्य परिवहन और वीआईपी की भूमिका में भारतीय सशस्त्र बलों के साथ मौजूद रहेगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निजी कंपनियों के द्वारा अपने उत्पादन में 25% तीसरे देशों को निर्यात करने और देश के लिए विदेशी मुद्रा जुटाने की अनुमति मिलेगी। भारतीय सशस्त्र बलों को विकसित आई एम आर एस खरीदने के लिए कहा गया है कि अगले 7 सालों में इसे लागू करने की योजना भी बनाई गई है, लेकिन कंपनियों ने रक्षा मंत्रालय से आश्वासन मांगा है कि अगर अगले 5 सालों के अंदर और पात का निर्माण होता है तो भारतीय सशस्त्र बलों को हेलीकॉप्टर खरीदना चाहिए।

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