सीधी में पुलिस का अमानवीय चेहरा आया सामने, पत्रकारों को अर्धनग्न कर लगाई थी क्लास नपे टीआई और एसआई

मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होने के साथ ही जनता और सरकार के बीच की एक कड़ी है, लेकिन उसी मीडिया को अगर कोई अपने पद का गलत फायदा उठाकर उसे दबाने की कोशिश करें तो फिर इससे बड़ी विडंबना की कोई बात हो ही नहीं सकती है। पुलिस के कार्यों को लेकर कई सवाल उठते रहते हैं तो कई बार उनके कार्य की प्रशंसा भी होती है, लेकिन मध्य प्रदेश के सीधी जिले से पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है, जहां सिटी कोतवाली थाना में पुलिसकर्मियों के द्वारा मीडिया कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने के साथ ही उन्हें अर्धनग्न अवस्था में खड़ा कर दिया गया। वहीं इस मामले के तूल पकड़ने के बाद सब इंस्पेक्टर और थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया गया है।

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वहीं इस घटना के बाद मध्य प्रदेश के सीधी जिले के एसपी मनोज श्रीवास्तव का बयान भी सामने आया है जिसमें उन्होंने इन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जल्द से जल्द जांच पूरी कर कार्रवाई की बात कहीं है। दरअसल प्रदेश में यह पहला मामला नहीं है पुलिस का कई अमानवीय चेहरा सामने आ चुका है। बीते दिनों जहां इंदौर में एक ऑटो रिक्शा चालक को एक पुलिसकर्मी ने थप्पड़ जड़ दिया था तो वही इससे पहले दो पुलिसकर्मियों ने एक युवक को बीच सड़क पर पीटा था। हालांकि इनके खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन पुलिस कर्मियों की इस तरह की हरकत से पूरा कानून धूमिल हो रहा है।

जानिए क्या था मामला

दरअसल मामला बीते दिनों का है जब विधायक केदारनाथ शुक्ला के बेटे के नाम को लेकर फेसबुक पर एक फर्जी आईडी से गलत पोस्ट चला दी गई थी। इसके बाद पुलिस ने तत्काल इस मामले में आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। जांच के बाद नीरज कुंदन इसमें दोषी पाया गया था। इसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वही नीरज की गिरफ्तारी के बाद परिजनों थाने के बाहर जमकर हंगामा किया। इनके साथ कुछ पत्रकार भी मौजूद थे जिन्होंने इस मामले की पूरी खबर चलाई थी। वही हंगामा होता देख पुलिस ने इन्हें काफी समझाइश देने की कोशिश की लेकिन नहीं माने तो उन्हें उठाकर लॉकअप में बंद कर दिया गया था इसमें कुछ पत्रकार भी शामिल थे जिनके साथ अभद्रता की गई।

मामले को लेकर बोले-एसपी

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वहीं इस मामले को लेकर जब सीधी एसपी मनोज श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को आईटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इन के समर्थन में कुछ लोग थाने के बाहर जमकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं जब इनके हंगामें से माहौल बिगड़ रहा था तो पुलिस ने कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन नहीं माने तो इन्हें गिरफ्तार कर लॉकअप में डाल दिया गया सभी को अगली सुबह कोर्ट ले जाया गया वहां से जमानत पर छोड़ दिया गया है।

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फिलहाल अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही करने की बात खुद एसपी ने कही है। अब देखना यह होगा की जांच के बाद इन पर कार्रवाई होती है या फिर इसी तरह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबा दिया जाएगा।