इंदौर में इस जगह स्थित है भगवान गुटकेश्वर महादेव का मंदिर, जहां शिवलिंग का प्राकृति करती है जलाभिषेक, गौमुख से निकलती है जलधारा

सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को बहुत ही प्रिय होता है। पूरे महीने देशभर के शिवालयों में शिव भक्तों का हुजूम देखने को मिला है। ऐसे में मध्यप्रदेश के कई धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र होने के साथ ही भगवान भोलेनाथ के प्राचीन धर्म स्थल और मंदिर है। आज हम आपको मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के सबसे प्राचीन धर्म स्थलों में से एक भगवान भोलेनाथ के मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं ।इस मंदिर की गिनती इंदौर शहर के सबसे प्राचीन धर्म स्थलों में होती है। यहां मंदिर रामायण काल से संबंधित बताया जाता है जो कि हजारों वर्ष पुराना है।

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भगवान कोटेश्वर महादेव का जलाभिषेक करती है प्राकृतिक

इंदौर शहर के देवगुराडिया स्थित इस मंदिर मंदिर की स्थापना हजारों वर्ष पहले की गई थी ।कालांतर में इस मंदिर का जीर्णोद्धार शहर की महारानी पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी की है। इस मंदिर में गुप्तेश्वर महादेव की शिवलिंग स्थापित है इसकी धार्मिक मान्यता है कि यहां पर स्वयंभू शिवलिंग है। सावन महीने के साथ ही शिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में बड़ी संख्या में शिव भक्तों पहुंचते हैं। शिवरात्रि के अवसर पर यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है ।सावन और भादो के महीने में देवगुराडिया परवरिश कर जल की पवित्र धारा मंदिर में स्थित भगवान कोटेश्वर महादेव का प्राकृतिक जलाभिषेक करती है।

कोटेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि पर लगता है मेला

दरअसल इंदौर के देव गुराडिया को गरुड़ तीर्थ क्षेत्र माना जाता है। यहां पर रामायण के महत्वपूर्ण पात्र गरुड़ भगवान ने तपस्या की थी और फिर उसके बाद लक्ष्मण को नागपाश से मुक्त कराया गया था ।इस आधार पर इस मंदिर की महिमा और महत्वपूर्ण है। महाशिवरात्रि में विशाल मेले का आयोजन भी होता है इस मेले में बड़ी संख्या में दूरदराज से शिव भक्तों पहुंचते हैं।

सावन महीने के मौके पर भी यहां पर बड़ी संख्या में शिव भक्तों पहुंचते हैं। इसके अलावा दूरदराज से शिव भक्तों मां नर्मदा के गंगाजल को लेकर आते हैं। और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। इस मंदिर को बने हजारों वर्ष बीत चुके हैं यहां पर बड़ी संख्या में भक्तों पहुंचते हैं। शिवरात्रि पर होने वाले विशाल मेले के आयोजन में कई लोग आते हैं। यह मंदिर शहर के बड़े धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है।

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