मध्यप्रदेश में इस जगह है प्राचीन शिव मंदिर, सावन माह में होता है ये चमत्कार, देखने के लिए लगता है भक्तों का तांता

हर साल सावन माह में भगवान भोलेनाथ की सवारी निकाली जाती है। भगवान भोलेनाथ और उनके भक्तों के लिए यह महीना काफी प्रिय होता है। 14 जुलाई से भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन शुरू हो रहा है। इस महीने में भगवान भोलेनाथ के मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहता है। कई कावड़िए नर्मदा नदियों से कावड़ भरकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश के एक चमत्कारी मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां पर विशाल शिवलिंग श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनी रहती है।

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इस जगह बनी है विशाल शिवलिंग

हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के करमदी के प्राचीन शिव मंदिर की। यहां पर भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। गंगापुर में निर्मित सतह से 21 फीट की ऊंचाई की शिवलिंग के दर्शन और जलाभिषेक करने के लिए सावन के महीने में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। इतना ही नहीं नर्मदा नदियों से पवित्र जल लेकर कावड़िए पहुंचते हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं।

इस जगह मौजूद है चमत्कारी कुंड

करमदी गांव में शिव मंदिर है और इस मंदिर के पास ही एक प्राचीन गंगा कुंड भी स्थित है। यहां पर एक चमत्कार होता है इस कुंड में कभी भी पानी खत्म नहीं होता है। ऐसी मान्यता है कि मां गंगा का आगमन यहीं से हुआ है। इस वजह से इसका पानी कभी भी खत्म नहीं होता है ।इस चमत्कारी कुंड को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं।

बता दें कि प्राचीन गंगापुर में ग्रामीणों ने एक विशाल शिवलिंग का निर्माण कराया है। यह शिवलिंग कुंड में सतह से शीर्ष तक की ऊंचाई 21 फीट है। वहीं जलाधारी से शिवलिंग 16 फीट है। इसे बनाने में 3 महीने का समय लगा था। जैसे ही इस शिवलिंग की जानकारी शिव भक्तों को लगी तो यहां पर तांता लग गया। मंदिर के पुजारी शंभू शर्मा ने बताया 14 जुलाई से सावन महीना शुरू हो रहा है। इसमें बड़ी संख्या में दूरदराज से भक्त पहुंचते हैं और शिवलिंग के दर्शन और भगवान का जलाभिषेक करते हैं।

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