मध्यप्रदेश के इन युवाओं ने भरी उड़ान, बनाया ऐसा मोबाइल बेस प्रोग्राम जिससे 10 लाख से अधिक बच्चों को सिखा दी कोडिंग

मध्यप्रदेश में महामारी के दौर में कई तरह के रोचक मामले देखने को मिले थे। एक तरफ जहां संस्कारधानी जबलपुर की रहने वाली एक छात्रा ने जुगाड़ से कई कलाकृतियां बनाई थी। वही अब मध्य प्रदेश के 3 युवाओं ने एक स्टार्टअप शुरू किया जो मोबाइल बेस्ट प्रोग्राम है। इसके द्वारा उन्होंने अभी तक करीब कई युवाओं को कोडिंग सिखाई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिक्षा के क्षेत्र में हर दिन नई चीजें जुड़ रही है। इसमें सबसे प्रमुख विषय कोडिंग है। अगर इसको सीख लिया तो हर काम आसान हो जाता है। इसको सीखने के लिए लैपटॉप की आवश्यकता होती है, लेकिन प्रदेश के 3 युवाओं ने इसे मोबाइल एप के द्वारा कई युवाओं को कोडिंग सिखाई है।

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18000 छात्र हर ​महीनें सीखते है कोडिंग

मध्य प्रदेश के 3 युवाओं के द्वारा बनाई गई इस तरह की मोबाइल एप स्पेस प्रोग्राम से कई युवा कोडिंग सीखे हैं। वर्तमान की बात करें तो देश भर के करीब 1000000 स्टूडेंट इससे जुड़ चुके हैं। वहीं इस ऐप को लेकर मृदुल रंजन साहू ने जानकारी देते हुए कहा कि उनके साथी अमित शेखर और जानीसर अली ने मिलकर इस ऐप को बनाया है। इसके जरिए 180000 छात्र हर महीने अपने मोबाइल पर कोडिंग सीखते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्यूरियस जूनियर के स्टूडेंट ने अपने ऐप पर 15 मिलियन से अधिक बारकोडिंग की है।

हर दिन 5 लाख बच्चों को कोडिंग सीखाने का लक्ष्य

वहीं युवाओं के द्वारा मोबाइल ऐप बनाया गया है जिसके माध्यम से कई युवा अब कोडिंग सीख रहे हैं ।हर महीने 500000 बच्चों को कोडिंग सीखने के लिए प्लेटफार्म पर जोड़ना उनका सबसे बड़ा मकसद है। वहीं कोडिंग सीखने वाले 10 करोड से अधिक स्टूडेंट के कोडिंग की शिक्षा लेने के सफर में क्यूरियस जूनियर को उनकी पढ़ाई का हिस्सा बनाना है। जिसमें 60 फ़ीसदी यूजर्स छोटे शहरों के हैं ।वहीं 40 फ़ीसदी यूजर्स मेट्रो सिटी और बड़े शहरों के हैं कंपनी का संचालन रिमाइंडर के तौर पर कर रही है।

जाने कब हुई शुरुआत

इस ऐप को बनाने वाले मृदुल ने जानकारी देते हुए बताया कि अमित और जानीसर अली बी टेक के बाद प्रोफेशनल्स को कोडिंग सिखा रहे थे। महामारी के दौर में तीनों दोस्तों ने बातचीत की और एक मोबाइल मोबाइल बेस्ट कोडिंग ऐप बनाया। इसके बाद गुरु ग्राम स्थित एड एक और ऑनलाइन कोडिंग प्लेटफॉर्म क्यूरियस जूनियर को 2020 में शुरू किया उन्होंने कहा कि वहां पढ़ाई शुरू होने के बाद उन्होंने जो भी शुरू की इसके बाद इस तरह का स्टार्टअप शुरू किया और आज इससे कई युवाओं को जोड़कर उन्हें कोडिंग सिखा रहे हैं।

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इन भाषा में सीख सकते है कोडिंग

सबसे खास जानकारी आपको बता दें कि इस मोबाइल बेस्ट कोडिंग ऐप को कई भाषाओं में तैयार किया गया है। इसमें इंग्लिश हिंदी शामिल है लेकिन जानकारी मिल रही है कि जल्दी ही बंगाली, गुजराती, तेलुगू, और मराठी में भी इसे लाया जाएगा। वहीं 1 साल की बात करें तो निवेशक उसे एक मिलियन डॉलर का फंड एकत्रित किया गया है।