इस बहू ने सीहोर का नाम किया रोशन, बनी मध्यप्रदेश की पहली महिला योग थेरेपिस्ट

देश में कई युवा खेल जगत से लेकर हर क्षेत्र में अपने देश, प्रदेश और शहर का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसे ही सीहोर जिले की बहू ने अब अपने जिले समेत मध्य प्रदेश का नाम रोशन किया है। सीहोर जिले के विहार फेस-2 निवासी कुंजन झंवर ने जिले समेत मध्य प्रदेश का नाम रोशन किया है। इन्होंने आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा योग प्रमाणीकरण बोर्ड की परीक्षा ‘असिस्टेंट योगा थैरेपिस्ट’ उत्तरीण की है। यह पहला मौका है जब मध्य प्रदेश की किसी बहू ने योगा क्षेत्र में इस परीक्षा को उत्तरीण कर अपने जिले ही नहीं वरन पूरे मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है।

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देश भर में ऐसे कई युवा है जो खेल हॉकी कराटे समेत कई क्षेत्र में अपनी सफलता के झंडे गार्ड रहे हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे कई व्यक्ति योग के क्षेत्र में भी महारत हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में अब सीहोर जिले की बहू ने ऐसा कारनामा किया है कि उसे अब पूरे मध्यप्रदेश में योग थेरेपिस्ट के नाम से पहचाना जाएगा। इन्होंने हाल ही में असिस्टेंट योगा थैरेपिस्ट की परीक्षा को उत्तरीण कर अपने परिवार समेत प्रदेश का नाम रोशन किया है।

समाजसेवी कमल झंवर की बहू है कुंजन झंवर

दरअसल सीहोर के विहार फेस-2 में रहने वाली बहु कुंजन झंवर ने भारत सरकार और आयुष्मान मंत्रालय द्वारा प्रमाणीकरण बोर्ड की परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसमें असिस्टेंट योगा थैरेपिस्ट की परीक्षा उत्तरीण की है। कुंजन झंवर सीए सुमित जंवर की पत्नी और समाजसेवी कमल झंवर की बहू है। मध्यप्रदेश में यह पहली महिला है जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल किया।

कुंजन झंवर राजयोग विन्यास योग कई ग्रंथों व अष्टांग योग नाद योग समेत कई अध्ययन कर इस परीक्षा की प्रतियोगिता को जीता है। इसके साथ ही वहां कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय आयोजन जैसे फिट इंडिया मूवमेंट और 75 करोड सूर्य नमस्कार में शामिल रही है। इसके साथ ही उन्होंने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट हरिद्वार से अष्टांग योग का प्रशिक्षण और नेचुरल थेरेपी में डिग्री ली है। इसके साथ ही वहां मध्य प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन की सदस्य भी है।

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कैसे आया मन में इस तरह का विचार

कुंजन झंवर ने जानकारी में बताया कि वहां कॉलेज के दौरान कुछ बीमारी से पीड़ित हो गई थी। इस दौरान उनका इलाज हॉस्पिटल में चल रहा था तभी एक गुरु ने बताया कि योगासन उनके लिए अच्छा रहेगा, तभी उन्होंने मन में ठाना और योग करने लगी। इसके बाद उसकी बीमारी भी ठीक हो गई और उन्होंने गुरु को धन्यवाद भी दिया और वह काफी खुश भी है।